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क्रिप्टो कस्टोडियन की भूमिका को समझना: वे कैसे काम करते हैं व उनका चयन कैसे करें

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1960 के दशक से ही पारंपरिक बैंकिंग के क्षेत्र में कस्टोडियनों ने एक अहम भूमिका निभाई है। क्रिप्टो मुद्रा की बढ़ती लोकप्रियता के चलते वर्चुअल एसेट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कस्टोडियनों की माँग और भी बढ़ गई है।

कई सारे कस्टडी प्रदाताओं की सूची में से किसी अच्छे प्रदाता का चयन करना सिर चकराने वाले काम हो सकता है, लेकिन कुछ अहम पहलुओं को समझ कर आप अपने बिज़नस के लिए सबसे अच्छे प्रदाता का चयन कर सकते हैं। 

इस लेख के माध्यम से हम क्रिप्टो कस्टडी की अवधारणा को थोड़ा कुरेदकर देखेंगे, मौजूदा क्रिप्टो जगत में क्रिप्टो कस्टोडियनों की भूमिका पर चर्चा करेंगे, और अपने डिजिटल एसेट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सबसे बेहतरीन कस्टडी प्रदाता का चयन करने के लिए कुछ टिप्स साझा करेंगे।

प्रमुख बिंदु

  1. किसी डिजिटल वॉलेट में स्टोर किए गए पैसे को एक्सेस करने के लिए आवश्यक गोपनीय कोड की सुरक्षा सुनिश्चित करने का ज़िम्मा क्रिप्टो कस्टोडियनों पर होता है।
  2. सेल्फ़ कस्टडी के तहत आप बिना किसी बिचौलिये की मदद के, अपने डिजिटल एसेट्स को स्टोर कर सकते हैं व अपने वॉलेट की प्राइवेट कुंजियाँ अपने पास रख सकते हैं।
  3. तीसरी पार्टी वाले कस्टोडियन ग्राहकों की प्राइवेट कुंजियों को रखकर उनके पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले संगठन होते हैं।
  4. उपयुक्त कस्टडी प्रदाता का चयन करने के लिए आपके सुरक्षा उपायों, शुल्क और कीमतों, व Web 3.0 के लाइसेंसिंग एक्सेस जैसे पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए।

क्रिप्टो कस्टडी आखिर क्या होती है?

परंपरागत रूप से पूंजी बाज़ार के वित्तीय संस्थानों से जुड़ी एसेट कस्टोडियनशिप निवेशकों के एसेट्स की रक्षा करते हुए सौदों के निपटान, एक्सचेंज, क्लीयरिंग, और कॉर्पोरेट एक्शन एक्सीक्यूशन जैसी सेवाएँ मुहैया कराने के लिए ज़िम्मेदार होती है। 

लेकिन क्रिप्टो जगत में बढ़ते निवेश के चलते डिजिटल एसेट कस्टोडियनशिप की माँग में बढ़ोतरी देखने को मिली है। पारंपरिक पूंजी बाज़ार के कस्टोडियन जैसे डिजिटल एसेट कस्टोडियन अपने ग्राहकों के क्रिप्टो एसेट्स की कुंजियों की कस्टडी की ज़िम्मेदारी उठाकर उनकी क्रिप्टो सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं। 

वे खुद एसेट को तो नहीं रखते, लेकिन सेफ़ की मैनेजमेंट के माध्यम से उसकी कुंजियों को मैनेज करते हुए वे यह ज़रूर सुनिश्चित करते हैं कि वे कुंजियाँ किसी और के हाथ न लगने पाएँ। 

Growth of the crypto asset volume under custody

किसी क्रिप्टो वॉलेट में रखे गए उपयोगकर्ताओं के पैसे के एक्सेस कोड की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी क्रिप्टो कस्टडी वाले कस्टोडियनों की होती है। डिजिटल एसेट्स को लोकप्रिय बनाकर उनकी व्यापक स्वीकृति में वे एक अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि इन एसेट्स को असुरक्षित करार देकर बड़े-बड़े निवेशक अक्सर उनसे मुँह मोड़ लेते हैं।

अपने ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेज फ़ंड, पेंशन फ़ंड, इन्वेस्टमेंट बैंक और पारिवारिक कार्यालयों को अक्सर कानूनन किसी कस्टोडियल पार्टनर को नियुक्त करना होता है।

डिजिटल मुद्रा जगत के बड़े-बड़े निवेशकों और कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी की बदौलत उनके पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली सेवाओं की माँग में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

कस्टडी कितने प्रकार की होती है?

क्रिप्टो कस्टडी दो प्रमुख प्रकार की होती है: सेल्फ़ कस्टडी, आंशिक कस्टडी, और तीसरी पार्टी वाली कस्टडी।

सेल्फ़ कस्टडी

सेल्फ़ कस्टडी के तहत बिचौलियों के बगैर डिजिटल एसेट्स को स्टोर और मैनेज किया जाता है। यह किसी वॉलेट या तिजोरी में पैसे रखने जैसा ही होता है, यानी कि आपके वॉलेट की प्राइवेट कुंजी आपके पास ही रहती है। ऐसा करके आप अपनी होल्डिंग के स्वामित्व और एक्सेस को प्रमाणित कर पाते हैं। लेकिन बड़ी ताकत अपने साथ बड़ी ज़िम्मेदारी भी लाती है। 

अपने वॉलेट पर आपका सम्पूर्ण नियंत्रण तो होता है, लेकिन उससे जुड़े सारे जोखिम भी आपके ही कंधों पर आ गिरते हैं, जैसे कि अपने कोल्ड वॉलेट के एक्सेस से हाथ धो बैठना या फिर अपनी प्राइवेट कुंजी को भूल जाना, जिसके परिणामस्वरूप आप अपनी क्रिप्टो हमेशा-हमेशा के लिए गँवा सकते हैं।

सेल्फ़ कस्टडी समाधान दो प्रमुख प्रकार के होते हैं: हॉट व कोल्ड स्टोरेज।

हॉट स्टोरेज आपको अपनी प्राइवेट कुंजियों का एक्सेस प्रदान करने वाला, इंटरनेट से जुड़ी किसी ऐप्लीकेशन — जिसे हॉट वॉलेट के नाम से जाना जाता है — के माध्यम से आपके क्रिप्टो को स्टोर और मैनेज करने वाला एक क्रिप्टो सेल्फ़ कस्टडी समाधान होता है। एक्सेस की अपनी सहूलियत के चलते इन वॉलेट्स का क्रिप्टो ट्रेडरों के बीच काफ़ी बोलबाला होता है। तेज़तर्रार लेन-देन और dApps के साथ इंटरैक्शन को भी ये मुमकिन बनाते हैं। 

लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी भी हैकिंग या स्कैम के जोखिम को बढ़ा देती है, और आपको सिर्फ़ उसी ऐप्लीकेशन पर भरोसा करना चाहिए, जिसकी आपकी प्राइवेट कुंजियों को उजागर करने लायक कोई कमज़ोरियाँ न हों। सबसे व्यापक तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले हॉट वॉलेट्स में MetaMask, Exodus, या TrustWallet जैसे वॉलेट शुमार हैं।

Key differences between hot and cold storage

डिजिटल एसेट्स की हॉट स्टोरेज के लिए कोल्ड स्टोरेज एक सुरक्षित विकल्प है, जिसके तहत प्राइवेट कुंजियाँ एकदम से ऑनलाइन एक्सेस नहीं की जा सकतीं। यह तरीका किसी व्यक्तिगत तिजोरी में पैसे रखने जैसा है क्योंकि इंटरनेट से न जुड़े होने के कारण यह सुरक्षा प्रदान करता है। 

लेकिन इसके तहत इस्तेमाल के लिए डिजिटल एसेट्स को वापस ऑनलाइन डालना पड़ता है, जिसमें काफ़ी वक्त लग सकता है। किसी कोल्ड स्टोरेज वॉलेट से डिजिटल पैसा ट्रांसफ़र करने या निकालने के लिए उपयोगकर्ताओं को अपनी कुंजियों को इंटरनेट से कनेक्ट कर कोई लेन-देन करना पड़ता है, जो किसी स्टोर में फ़िएट खर्च करने जैसा होता है। ऐसा करने से सुरक्षा में बढ़ोतरी तो आ जाती है, लेकिन एक्सेस करने की आपकी क्षमता कम हो जाती है।

2011 में Electrum ने Android के लिए सबसे पहली Bitcoin वॉलेट ऐप्लीकेशन विकसित की थी। कंपनी के अनुसार यह सबसे लोकप्रिय और यूज़र फ़्रेंडली वॉलेट्स में से एक है।

तेज़तर्रार फ़ैक्ट

तीसरी पार्टी वाली कस्टडी

तीसरी पार्टी वाले कस्टोडियन वे पंजीकृत संस्थाएँ होती हैं, जिनके पास कस्टोडियन के तौर पर काम करने के राज्य-स्तरीय या राष्ट्रीय लाइसेंस होते हैं। ग्राहकों के वॉलेट्स की कुंजियों को सुरक्षित ढंग से रखकर वे ग्राहकों की होल्डिंग्स की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। 

इसकी तुलना उपयोगकर्ता बैंक के किसी चेकिंग एकाउंट से कर सकते हैं। कोई एकाउंट खोलकर तीसरी पार्टी वाले किसी कस्टोडियन के पास क्रिप्टो जमा करने के लिए उपयोगकर्ताओं को अपना KYC और एंटी-मनी लॉन्डरिंग जाँच पूरी करवाकर यह प्रमाणित करना होता है कि कहीं वह पैसा उन्हें किसी गैरकानूनी ढंग से तो नहीं मिला।

How Third-Party Custody Works

तीसरी पार्टी वाले क्रिप्टो कस्टडी प्रदाता आमतौर पर मल्टी-फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन, एन्क्रिप्शन और कोल्ड स्टोरेज जैसे व्यापक सुरक्षा उपाय अपनाकर ग्राहकों के एसेट्स की रक्षा करते हैं। डिजिटल एसेट्स मैनेज कर उनकी सुरक्षा करने, सुरक्षा मुहैया कराने, जोखिम को मैनेज करने, और नियमों के अनुपालन में विशेषज्ञता रखने में अक्सर उन्हें काफ़ी अनुभव होता है। 

इसके अलावा, आमतौर पर उनका इस्तेमाल एक अतिरिक्त सुरक्षा के तौर पर, चोरी-चकारी या अन्य प्रकार की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों से होने वाले नुकसान के खिलाफ बीमे की हैसियत से किया जाता है। खासकर एसेट सुरक्षा की पुख्ता आवश्यकताओं वाले संस्थागत निवेशकों के लिए नियामक निगरानी का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है। 

साथ ही, तीसरी पार्टी वाले कस्टडी प्रदाता यूज़र-फ्रेंडली इंटरफ़ेस, एकाउंट मैनेजमेंट टूल, और रिपोर्टिंग क्षमताएँ मुहैया कराते हैं, जिसके चलते होल्डिंग को ट्रैक कर पोर्टफ़ोलियो को मैनेज करना आसान हो जाता है।

क्रिप्टो कस्टडी के प्रमुख पहलू

कस्टडी सेवाएँ संस्थागत और प्राइवेट ग्राहकों, दोनों ही की ज़रूरतों को पूरा कर प्राइवेट कुंजियों की उपलब्धतता, गोपनीयता और संपूर्णता के साथ-साथ उनकी बहाली के लिए आवश्यक जानकारी को भी सुनिश्चित करती हैं, जिसके चलते ग्राहक अपने क्रिप्टो एसेट्स को एक्सेस कर पाते हैं। तो आइए क्रिप्टो कस्टडी की कुछ खास विशेषताओं के बारे में बात करते हैं।

सुरक्षा

चोरी-चकारी, हैकिंग व अनधिकृत एक्सेस की रोकथाम के लिए क्रिप्टो फ़ंड रक्षक मल्टी-सिग्नेचर वॉलेट, प्राइवेट कुंजियों की एन्क्रिप्शन, भौतिक सुरक्षा और सुरक्षित ऑफ़लाइन स्टोरेज जैसे कई सुरक्षा उपाय करते हैं।

विनियमों का अनुपालन

कस्टोडियनों को अपने-अपने व्यवसायिक क्षेत्रों में कानूनी प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए, जैसे KYC जाँच, AML प्रोटोकॉल व रिपोर्ट करने और ऑडिट करने की आवश्यकताओं समेत अन्य दायित्व।

प्राइवेट कुंजी मैनेजमेंट

ब्लॉकचेन लेन-देन पर हस्ताक्षर करने और एसेट्स के स्वामित्व को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले किसी उपयोगकर्ता की डिजिटल होल्डिंग्स के एक्सेस को नियंत्रित करने वाली प्राइवेट कुंजियों को जैनरेट, सुरक्षित करने और मैनेज करने की ज़िम्मेदारी वर्चुअल पैसे की कस्टडी सेवाएँ की होती है।

बीमा

चोरी-चाकरी या सुरक्षा में लगने वाली सेंध के चलते हुए वित्तीय नुकसान से उपयोगकर्ताओं की रक्षा के लिए क्रिप्टो मुद्रा कस्टडी फ़र्म्स बीमा मुहैया कराती हैं, जिसके चलते इन फ़र्म्स के पास अपना पैसा रखने वाले लोग एकदम बेफ़िक्र हो सकते हैं।

एक्सेस-क्षमता

सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कस्टोडियनों को उपयोगकर्ता प्रबंधन के लिए एसेट्स को एक्सेस योग्य बना देना चाहिए, ताकि सुरक्षा शर्तों का पालन करने के बाद उपयोगकर्ता पैसा डालना-निकालना शुरू कर सकें।

क्रिप्टो कस्टोडियनों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सेवाएँ

परंपरागत एसेट्स के लिए कस्टडी सेवाएँ मुहैया कराने वाली वित्तीय संस्थाएँ ग्राहक को और भी ज़्यादा वैल्यू प्रदान करने वाली खास क्रिप्टो एसेट्स सेवाएँ भी मुहैया करा सकती हैं। क्रिप्टो मुद्रा-आधारित एसेट्स के लिए कई तरह की वित्तीय सेवाएँ मुहैया कराकर अपनी सेवा-सूची का विस्तार कर अपने प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त हासिल की जा सकती है।

क्रिप्टो कस्टडी सेवाओं के तहत सुरक्षा, विश्लेषण, ट्रेडिंग, मूल्य निर्धारण, मूल्यांकन, भुगतान और निपटान भी आते हैं। निवेशकों के क्रिप्टो एसेट्स की प्राइवेट कुंजियों के लिए वे डिजिटल लॉकिंग सेवाएँ भी मुहैया कराती हैं, जिनकी बदौलत उचित निवेशक अनुमति के साथ उन्हें सार्वजनिक लैजरों में रखा जा सकता है। 

कस्टोडियन माँग और लेन-देन की वॉल्यूम की जानकारी प्रदान कर पोर्टफ़ोलियो की वैल्यू में एक-साथ होने वाली अपडेट्स के लिए पोर्टफ़ोलियो एडवाइज़री और रियल-टाइम प्राइसिंग जानकारी को मुमकिन बनाते हैं।

Range of crypto custody services

कुछ खास एक्सचेंजों के आंतरिकीकरण या राउटिंग के माध्यम से क्रिप्टो मुद्रा ट्रेडिंग सेवाएँ मुहैया कराई जा सकती हैं, व फ़्यूचर अनुबंध निपटान जैसे लेन-देन के लिए क्रिप्टो मुद्रा बैलेंस का इस्तेमाल कर भुगतान और निपटान सेवाएँ प्रदान की जा सकती हैं। 

अतिरिक्त वैल्यू एडेड सेवाओं में एसेट सर्विसिंग, उधार देना, और कोलैटरल मैनेजमेंट शामिल हैं। 

कस्टोडियनों को एसेट सर्विसिंग को इनेबल कर देना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्रिप्टो एसेट बैलेंस सही लैजर को प्रतिबिंबित कर रहे हैं। उचित जोखिम प्रबंधन नीतियों द्वारा समर्थित बहुप्रयोजन एकाउंट संरचना के माध्यम से क्रिप्टो मुद्रा एसेट्स के उधार लेने और देने को वे सुविधाजनक बना सकते हैं। 

क्रिप्टो मुद्रा एसेट्स का इस्तेमाल कोलैटरल के तौर पर भी किया जा सकता है, व इन एसेट्स को गिरवी रखने वाले ग्राहकों को कस्टोडियन कोलैटरल मैनेजमेंट सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं।

क्रिप्टो कस्टोडियन शुल्क

नियमित बैंकों की ही तरह प्रदाता भी पैसे की सुरक्षा के बदले एक शुल्क लेते हैं। क्रिप्टो कस्टडी प्रदाताओं के शुल्क आमतौर पर तीन श्रेणियों में आते हैं: कस्टडी, सेटअप, और विड्रॉअल शुल्क। 

क्रिप्टो एसेट्स के प्रबंधन के लिए तीसरी पार्टी वाले कस्टडियन एक वार्षिक कस्टडी शुल्क लेते हैं। यह शुल्क आमतौर पर कुल मूल्य के 1% से भी कम होता है, लेकिन यह इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफ़ॉर्म और आपके एसेट्स की कीमत पर निर्भर करता है। 

एकाउंट सेटअप शुल्क प्लेटफ़ॉर्म दर प्लेटफ़ॉर्म अलग हो सकता है, लेकिन ज़्यादातर प्लेटफ़ॉर्म किसी प्रदाता के साथ कोई कस्टोडियल एकाउंट खोलने के लिए एक फ़्लैट शुल्क लेते हैं।

पैसे निकालने में एक प्रतिशत-आधारित लागत लग सकती है। उदाहरण के तौर पर, Coinbase निकाले जानी वाली राशि का 1% तक शुल्क लेता है। क्रिप्टो निकालने में लगने वाला शुल्क प्रदाता और निकाली गई क्रिप्टो की कीमत पर निर्भर करता है। कुछ प्रदाता एक फ़्लैट शुल्क भी लेते हैं।

सेल्फ़ कस्टडी में कस्टडी, सेटअप, और विड्रॉअल शुल्क पर बचत तो हो जाती है, लेकिन यह निःशुल्क नहीं होती क्योंकि अपनी प्राइवेट कुंजियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयोगकर्ताओं को अपने वॉलेट को मेंटेन करते हुए स्टोरेज प्रोडक्ट खरीदनी होती हैं।

क्रिप्टो कस्टडी के जोखिम

अपनी पूंजी को स्टोर और मैनेज करने के लिए भरोसेमंद डिजिटल एसेट कस्टोडियन एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। लेकिन यहाँ कई जोखिम भी होते हैं, खासकर ग्राहकों की प्राइवेट कुंजियों के चलते, जिनकी बदौलत उपयोगकर्ता अपने डिजिटल एसेट्स को एक्सेस कर अवैध एक्सेस या लेन-देन से अपनी रक्षा कर पाते हैं।

किसी प्राइवेट कुंजी से छेड़छाड़ होने पर तीसरी पार्टियाँ डिजिटल एसेट्स को नियंत्रित कर सकती हैं, जैसे धोखाधड़ी या चोरी के मामलों में। इसलिए प्राइवेट कुंजियाँ बनाकर उन्हें स्टोर करना व सुरक्षित ढंग से उनका बैकअप लेना बेहद अहम होता है।

जब उपयोगकर्ताओं की प्राइवेट कुंजियों से छेड़छाड़ की जाती है, तो वे अपनी गोपनीयता, उपलब्धतता या संपूर्णता गँवा सकती हैं। 

Crypto custodians risks

गोपनीयता गँवा देने से अनाधिकृत व्यक्ति भी प्राइवेट कुंजियों और बैकअप को एक्सेस कर ग्राहक की ओर से डिजिटल एसेट्स वाले लेन-देन कर पाते हैं।

प्राइवेट कुंजियों और बैकअप की सीमित उपलब्धतता के चलते डिजिटल एसेट्स को एक्सेस करना मुश्किल या यहाँ तक कि नामुमकिन भी हो जाता है। 

प्राइवेट कुंजियों या बैकअप की संपूर्णता से छेड़छाड़ करने से वे अपठनीय हो सकती हैं, जिसके पश्चात् डिजिटल एसेट्स को एक्सेस कर पाना नामुमकिन हो जाएगा।

किसी कस्टोडियन का चयन कैसे करें

क्रिप्टो मुद्राओं में आने वाली वृद्धि के चलते सुरक्षित कस्टडी समाधान ज़रूरी हो चले हैं, जिसने डिजिटल एसेट कस्टोडियनों को क्रिप्टो उद्योग का एक अहम हिस्सा बना दिया है। लेकिन सही कस्टोडियन का चयन टेढ़ी खीर हो सकता है। किसी क्रिप्टो कस्टडी प्रदाता का चयन करते समय आपको इन पहलुओं पर विचार कर लेना चाहिए।

सुरक्षा

किसी कस्टोडियन का चयन करते समय उसकी एडवांस्ड एन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजियों और तकनीकी विशेषज्ञता समेत उसके सुरक्षा इंफ़्रास्ट्रक्चर पर गौर कर लें। किसी कस्टोडियन के पास कोल्ड स्टोरेज, मल्टी-सिग्नेचर वॉलेट, और हार्डवेयर सुरक्षा मॉड्यूल जैसे एडवांस्ड साइबर सुरक्षा उपाय होने चाहिए। उल्लंघनों और डेटा लॉस की रोकथाम के लिए ठोस प्रोटोकॉल के नियमित ऑडिट, बीमा कवरेज, और पेनेट्रेशन टेस्टिंग, डेटा एन्क्रिप्शन, व 24/7 DDoS निगरानी जैसे एडवांस्ड मानक बेहद अहम होते हैं।

Factors to consider when choosing a crypto custodian

लाइसेंस और नियम

जहाँ किसी लाइसेंस धारक डिजिटल एसेट कस्टोडियन से आपको अतिरिक्त सुरक्षा और मन का चैन मिलता है, स्थानीय नियम-कायदों से उनकी परिचितता स्थिरता और विश्वसनीयता की सूचक होती है। जवाबदेही और संभावित धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए कस्टोडियन को उचित लाइसेंसिंग और निरिक्षण के साथ-साथ KYC और AML जैसे नियमों का पालन भी करना चाहिए।

पारदर्शिता

अपनी होल्डिंग की सुरक्षा और प्रबंधन के बारे में कस्टोडियनों को पारदर्शी होना चाहिए, जिसके चलते उन्हें नियमित रूप से ऑडिट और रिपोर्टिंग करनी चाहिए। रियल-टाइम एकाउंट जाँच और लेन-देन की ट्रैकिंग में भी पारदर्शिता होनी चाहिए। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने वाले वैध, विशेषज्ञ कस्टोडियन कभी फ़र्ज़ी जानकारी पेश नहीं करते।

कीमत

बजट एलाइनमेंट के लिए किसी क्रिप्टो कस्टडी प्रदाता की मूल्य निर्धारण संरचनाओं को समझना अहम होता है। समाधानों का आकलन करते समय फ़ीचर्स और एसेट वैल्यू का मूल्यांकन कर लें। ज़रूरी नहीं कि संस्थागत स्तरीय कस्टडी महँगी हो; एक कॉस्ट-इफ़ेक्टिव समाधान सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल के अनुसार भुगतान किए जाने वाले किफ़ायती विकल्पों की तलाश करें।

Web 3.0 एक्सेस

क्रिप्टो कस्टडियनों को सिर्फ़ स्टोरेज ही मुहैया नहीं करानी चाहिए, बल्कि उपयोगकर्ताओं को पूरे आत्मविश्वास से Web 3.0 चलाने के लिए सशक्त भी करना चाहिए। उन्हें उपयोगकर्ताओं को DeFi, NFT, और DAO जैसे अलग-अलग dApps और प्रोटोकॉलों से जोड़कर तात्कालिक ज़ीरो शुल्क ट्रांसफ़र, भरोसेमंद निपटान, ऑन-चेन मॉनिटरिंग, DeFi बॉट्स, स्टेकिंग, और ऑडिट सपोर्ट जैसे वैल्यू-एडेड टूल और सेवाएँ भी मुहैया करानी चाहिए।

इंडस्ट्री ट्रैक रिकॉर्ड

किसी कस्टडी प्रदाता का ट्रैक रिकॉर्ड उसकी विश्वसनीयता, लचीलेपन, और ग्राहकों की ज़रूरतों की उसकी समझ को दर्शाता है। लंबे समय से मौजूद ऐसे कस्टोडियनों की तलाश करें, जो बाज़ार के उतार-चढ़ाव को नेविगेट करना, बड़े-बड़े क्रिप्टो मुद्रा ट्रांसफ़रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, और सुरक्षा के कड़े प्रोटोकॉलों का अनुपालन करना जानते हों।

टॉप क्रिप्टो कस्टडियन

क्रिप्टो फ़ंड इंडस्ट्री में क्रिप्टो कस्टडियन एक अहम भूमिका निभाते हैं, व किसी भरोसेमंद कस्टडियन का चयन आपके एसेट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद ज़रूरी होता है। लेकिन अगर अपने एसेट्स की स्टोरेज का चयन करने में आपको दिक्कत आ रही है, तो इन 3 टॉप क्रिप्टो कस्टडी प्रदाताओं को आज़माकर देखें।

Coinbase Custody

2012 में अपनी कस्टडी सेवा लॉन्च करने वाला Coinbase अमेरिका का एक प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज है। अपने कम सेवा शुल्क और उच्च बीमा कवरेज के चलते Coinbase का नाम टॉप प्रदाताओं में शुमार है व इसे सबसे बेहतरीन क्रिप्टो स्टोरेज सेवा के तौर पर देखा जाता है। हज़ारों टोकनों का सपोर्ट करने वाली यह कंपनी क्रिप्टो मुद्रा सेवाओं की प्रमुख प्रदाताओं में से एक है।

डिजिटल एसेट्स स्टोर करने के लिए Coinbase Custody एक सुरक्षित और यूज़र-फ़्रेंडली प्लेटफ़ॉर्म मुहैया कराता है। इसकी कस्टोडियल सेवा बगैर किसी विफलता के पैसे पर पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करने वाले मल्टी-सिग्नेचर मॉडल पर आधारित है।

Coinbase की मालिकाना कोल्ड स्टोरेज टेक्नोलॉजी और उसके इधर-उधर फैले डेटा केंद्र डिजिटल एसेट्स स्टोर करने का उसे एक भरोसेमंद समाधान बनाते हैं। यह सेवा समर्पित ट्रेडिंग सेवाओं के साथ-साथ दुनियाभर में 24/7 ग्राहक सपोर्ट भी मुहैया कराती है। एडवांस्ड सुरक्षा प्रोटोकॉल और जोखिम प्रबंधन प्रणालियाँ ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा को और भी पुख्ता बना देती हैं।

नियमित रूप से ऑडिट किए जाने वाले इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से मुनाफ़ा प्राप्त करने के लिए उपयोगकर्ता अपने पैसे को सीधा ऑफ़लाइन वॉलेट्स में स्टेक कर सकते हैं।

BitGo

BitGo डिजिटल एसेट धारकों को व्यापक सुरक्षा समाधान मुहैया कराने वाला एक टॉप क्रिप्टो कस्टोडियन है। वह Bitcoin, Ethereum, और Litecoin जैसी क्रिप्टो मुद्राओं के लिए स्टोरेज, मैनेजमेंट और एक्सेस नियंत्रण सेवाएँ प्रदान करता है।

सुरक्षा का उच्चतम स्तर सुनिश्चित करने के लिए BitGo मल्टी-सिग्नेचर वॉलेट, सुरक्षित कुंजी स्टोरेज प्रणालियों, और गुणवत्ता आश्वासन प्रोटोकॉल जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजियों का इस्तेमाल करता है। आपके पैसे को चोरी-चकारी या अनधिकृत एक्सेस से बचाने के लिए यह प्लेटफ़ॉर्म रियल टाइम पोर्टफ़ोलियो परफ़ॉरमेंस ट्रैकिंग और बीमा कवरेज भी मुहैया कराता है।

Anchorage

Anchorage मालिकाना टेक्नोलॉजी और संस्थागत-स्तरीय सुरक्षा का इस्तेमाल कर डिजिटल एसेट स्टोरेज प्रदान करने वाली एक टॉप क्रिप्टो कस्टडियल सेवा है। चोरी-चकारी या नुकसान से ग्राहकों के डिजिटल एसेट्स की रक्षा करने के लिए उनके प्लेटफ़ॉर्म में मल्टी-फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन, कोल्ड स्टोरेज, बीमाकृत कस्टडी सेवाएँ, और 24/7 निगरानी शामिल है।

एक इंटीग्रेटेड एक्सचेंज इंटरफ़ेस, ओपन-सोर्स एनालिटिक्स टूल्स, और ऑटोमेटेड अनुपालन रिपोर्टिंग की बदौलत Anchorage फ़ंड्स को आसानी से एक्सेस कर पाने की सहूलियत देता है। आम ग्राहकों और कंपनियों, दोनों ही के लिए उपलब्ध Anchorage वित्तीय निजता, पारदर्शिता, और विश्वसनीयता को प्राथमिकता देता है। अपनी इन्हीं खूबियों के चलते क्रिप्टो मुद्राओं को सुरक्षित ढंग से रखने का वह एक पसंदीदा विकल्प है।

अंतिम विचार

डिजिटल एसेट्स को स्टोर कर उनकी रक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले क्रिप्टो कस्टडी समाधान चोरी-चकारी, अनधिकृत एक्सेस, और क्रिप्टो जगत के स्वाभाविक जोखिमों से उनकी रक्षा करते हैं। जैसे-जैसे वित्तीय सेवाएँ खुद को ढालती जा रही हैं, डिजिटल एसेट कस्टडी की और भी ज़्यादा अहम होती जा रही भूमिका वर्चुअल जगत में वित्तीय ज़िम्मेदारी के भविष्य को भी एक नए साँचे में ढाल रहे हैं। 

क्रिप्टो कस्टडी एक तकनीकी ज़रूरत से कहीं ज़्यादा है; डिजिटल वित्तीय भविष्य की एक सुरक्षित और भरोसेमंद नींव रखने के लिए यह एक रणनीतिक अनिवार्यता है। सुरक्षा के एडवांस्ड उपाय लागू कर, उपयोगकर्ताओं के अनुभव को प्राथमिकता देकर, और ट्रेडरों की पल-पल बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लगातार इनोवेट कर क्रिप्टो कस्टोडियनों को ज़माने से आगे चलना चाहिए।

आम सवाल-जवाब

क्रिप्टो की दुनिया में वॉलेट और कस्टडी में क्या फ़र्क होता है?

गैर-कस्टोडियल वॉलेट उपयोगकर्ताओं को अपने क्रिप्टो फ़ंड्स पर पूरा नियंत्रण प्रदान करते हैं, जबकि कस्टोडियल वॉलेट यह काम किसी तीसरी पार्टी को सौंप देते हैं।

सबसे बड़ा क्रिप्टो कस्टोडियन कौन है?

Coinbase Custody सबसे महत्त्वपूर्ण और भरोसेमंद कस्टोडियल सेवाओं में से एक है।

क्रिप्टो कस्टडी में कितना खर्चा आ जाता है?

आमतौर पर कस्टोडियन तीन तरह के शुल्क की माँग करते हैं: कस्टडी शुल्क, जो कि आमतौर पर कुल वैल्यू का तकरीबन 1% होता है; सेटअप शुल्क, जो अमूमन एक फ़्लैट रेट होता है; और विड्रॉअल शुल्क, जो प्रदाता और क्रिप्टो की कीमत पर निर्भर करता है।

मुझे किसी क्रिप्टो कस्टोडियन का चयन क्यों करना चाहिए?

काबिल क्रिप्टो कस्टोडियन एक तय शुल्क के बदले क्रिप्टो एसेट होल्डिंग्स में प्राइवेट कुंजियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर बड़े-बड़े निवेशकों को फ़ायदा पहुँचाते हैं। लेकिन सेल्फ़ कस्टडी और तीसरी पार्टी वाली स्टोरेज के दरमियाँ किसी एक का चयन करने से पहले दोनों के फ़ायदे-नुकसानों पर विचार कर लेना चाहिए।

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द्वारा लिखित

Anna Churakovaलेखक
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द्वारा समीक्षित

Tamta Suladzeप्रमुख लेखक

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