NFT bridging vs NFT Swapping

NFT ब्रिजिंग बनाम NFT स्वैपिंग: मुख्य अंतर

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कला-जगत में NFT टेक्नोलॉजी एक नए शब्द के तौर पर उभरा है, जो रचनात्मक कंटेंट के साथ-साथ वैल्यू क्रिएटरों के लिए पैसा बनाने में भी मददगार साबित होता है। 

लेकिन NFT कॉन्सेप्ट के ढेर सारे फ़ायदों के बावजूद, अपनी विकास प्रक्रिया के दौरान ट्रेडिंग और इन टोकनों को अलग-अलग बाज़ारों और प्लेटफ़ॉर्मों पर ट्रांसफ़र करने में इसे कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा है।

इस समस्या ने जन्म दिया है NFT ब्रिजिंग व NFT स्वैपिंग मैकेनिज़्मों को, जो अलग-अलग नेटवर्कों के बीच टोकनों की तेज़तर्रार और भरोसेमंद मूवमेंट का एक समाधान मुहैया कराते हैं।

प्रमुख बिंदु

  1. NFT स्वैपिंग प्रक्रिया के तहत कम डिजिटल टोकन खरीदकर मुनाफ़े के लिए उन्हें ऊँचे दाम पर बेच दिया जाता है।
  2. कलेक्टेबल्स से ज़्यादा मार्जिन देने वाले NFT स्वैपिंग का एक जाना-माना तरीका हैं।
  3. NFT ब्रिजिंग की प्रक्रिया के तहत NFT Bridge नाम की एक खास ऐप्लीकेशन के माध्यम से NFT एंट्रियों के बीच ब्लॉकचेन ट्रांसफ़र कर दिए जाते हैं।

NFT स्वैपिंग क्या होती है?

NFT स्वैपिंग के तहत किसी NFT को कम दाम पर खरीदकर मुनाफ़े के लिए उसे किसी और विक्रेता को ऊँचे दाम पर बेच दिया जाता है। कई तरह की कलेक्टेबल आइटमों के लिए स्वैपिंग एक जाना-माना तरीका है, लेकिन बाकी कलेक्टेबल्स की तुलना में NFT मुनाफ़े के ज़्यादा बड़े मार्जिन दे सकते हैं।

NFT Swapping Explained

NFT स्वैपिंग के कई फ़ायदे होते हैं, जैसे NFT ट्रेडरों को आय प्रदान करना और पैसे जिताने वाले गेम्स जैसे NFT-आधारित प्लेटफ़ॉर्मों व NFT बाज़ारों को सपोर्ट करना।

क्रॉस-चेन NFT स्वैपिंग की बदौलत उपयोगकर्ता अपने-अपने NFT को एकदम अलग-अलग चेन्स पर एक्सचेंज कर पाते हैं। उदाहरण के तौर पर, किसी इंटरऑपरेबल ब्लॉकचेन पर बने इंटरऑपरेबल NFT बाज़ार के माध्यम से किसी और ब्लॉकचेन NFT बाज़ार में लोग अपने NFT के बदले कलेक्टेबल प्राप्त कर सकते हैं।

NFT swapping process visualised

NFT स्वैपिंग की प्रक्रिया जटिल व निम्नानुसार अलग-अलग प्राकर की होती है।

1. नीलामी वाले स्वैप

क्रिप्टो मुद्राएँ ट्रेड करने के एक सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके के तौर पर उभरने वाले विकेंद्रीकृत एक्सचेंज (डीसेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज, या DEX) का क्रिप्टो फ़ैन्स के बीच काफ़ी बोलबाला रहा है। लेकिन कुछ DEX नीलामी के माध्यम से भी NFT स्वैपिंग की सहूलियत मुहैया कराते हैं। इसका मतलब यह है कि एक पूर्व-निर्धारित कीमत तक पहुँच जाने तक खरीदार और विक्रेता NFT के लिए बिड डाल सकते हैं। 

दुर्लभ या बहुत ज़्यादा माँग वाले NFT प्राप्त करने के लिए नीलामी वाली स्वैपिंग का काफ़ी नाम हो रहा है। कुछ DEX के इंटीग्रेटेड ऑक्शन सिस्टम होते हैं, जबकि बाकी इस ट्रेड को सुविधाजनक बनाने के लिए तीसरी पार्टी के ऑक्शन प्लेटफ़ॉर्मों पर निर्भर करते हैं। इसकी बदौलत किसी बिचौलिये या केंद्रीकृत प्राधिकरण के हस्तक्षेप के बिना उपयोगकर्ता एक आसान, पारदर्शी प्रक्रिया के तहत NFT के लिए बिड डालकर अपने लेन-देन को अंजाम दे सकते हैं। 

2. मल्टी एसेट स्वैप

किसी मल्टी एसेट स्वैप के तहत कई NFT को एक या एकाधिक NFT के बदले एक्सचेंज किया जा सकता है। अपनी कलेक्शन में कंसोलिडेशन लाने की चाह रखने वाले कलेक्टरों या फिर NFT के किसी सेट को इकलौते, ज़्यादा कीमत वाले किसी NFT के लिए ट्रेड करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए इस तरह का स्वैप फ़ायदे का सौदा साबित हो सकता है। एक-साथ कई एसेट्स की स्वैपिंग की सुविधा मुहैया कराने वाले DEX के माध्यम से मल्टी एसेट स्वैप्स को एक्सीक्यूट किया जा सकता है।

3. आंशिक स्वैप

आंशिक स्वैप्स के माध्यम से किसी NFT के मालिकाना हक को कई हिस्सों में बाँट दिया जाता है, जिससे कई उपयोगकर्ता NFT के एक हिस्से के मालिक बन पाते हैं। यह उन लोगों के लिए फ़ायदेमंद साबित होता है, जो पूरे के पूरे NFT को खरीद पाने की वित्तीय क्षमता न होते हुए भी NFT से मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं। आंशिक स्वामित्व या फ़्रैक्शनलाइज़ेशन प्लेटफ़ॉर्मों को सपोर्ट करने वाले DEX आंशिक स्वैप की संभावनाओं को हकीकत के धरातल पर उतारते हैं।

4. रैप्ड NFT स्वैप

कुछ खास परिस्थितियों में रैप्ड NFT को एक ब्लॉकचेन नेटवर्क से किसी और ब्लॉकचेन नेटवर्क के रैप्ड NFT में एक्सचेंज किया जा सकता है। अपने पसंदीदा ब्लॉकचेन नेटवर्क पर अनुपलब्ध NFT खरीदने की इच्छा रखने वाले कलेक्टरों के लिए यह विकल्प फ़ायदेमंद साबित होता है।

रैप्ड NFT को विशेष DEX या फिर रैप्ड NFT बाज़ारों के माध्यम से स्वैप किया जा सकता है।

5. डायरेक्ट स्वैप

किसी NFT को उसी मूल्य वाले किसी NFT से एक्सचेंज करने को डायरेक्ट स्वैप कहा जाता है। दो NFT के दरमियाँ एक्सचेंज रेट स्थापित करने के लिए किसी ऑटोमेटेड मार्केट मेकर (AMM) के माध्यम से DEX डायरेक्ट स्वैप मुहैया कराता है। डायरेक्ट स्वैप मिलते-जुलते या एक जैसे मूल्य वाले NFT को एक्सचेंज करने का एक आसान तरीका होते हैं।

Web3 स्पेस के विकास में योगदान देने वाली NFT ब्रिजिंग प्रक्रिया मेटावर्स प्लेटफ़ॉर्मों की स्थापना को सकारत्मक रूप से प्रभावित करते हुए DeFi सेक्टर को आधुनिक बनाकर NFT गेम्स में एक नयी जान फूँक रही है।

तेज़तर्रार फ़ैक्ट

NFT ब्रिजिंग क्या होती है?

NFT ब्रिजिंग NFT Bridge नाम की एक खास ऐप्लीकेशन के माध्यम से NFT एंट्रियों को एक ब्लॉकचेन से दूसरी ब्लॉकचेन में ट्रांसफ़र कर देती है। NFT ब्रिजिंग की प्रक्रिया में मुख्यतः पूर्व-निर्धारित शर्तों वाला स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट शामिल होता है। क्रॉस-चेन लेन-देन के लिए इन शर्तों का पालन अनिवार्य होता है।

NFT bridging process

आज StacksBridge, Plasma NFT Bridge, Wormhole NFT Bridge, और XP Bridge समेत कई जानी-मानी NFT ऐप्लीकेशनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन ऐप्लीकेशनों को NFT ब्रिजिंग की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए ही डिज़ाइन किया गया है, जिसके चलते एक ब्लॉकचेन से दूसरे ब्लॉकचेन में NFT ट्रांसफ़र करने की प्रक्रिया को उपयोगकर्ताओं के लिए ये ऐप्स ज़्यादा आसान और सुगम बनाती हैं।

NFT स्वैपिंग की ही तरह आज अलग-अलग तरह की NFT ब्रिजिंग भी उपलब्ध है।

1. एटॉमिक स्वैप

ब्लॉकचेन नेटवर्कों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी NFT ट्रेडरों के लिए एक उभरती हुई ज़रूरत बन चुकी है। एटॉमिक स्वैप NFT के नाम से जाने जाने वाला सीधा, एक ही समय पर होने वाला NFT एक्सचेंज इस समस्या का एक समाधान होता है। इसके तहत एक सहज और सुरक्षित प्रक्रिया बनाने के लिए स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और कस्टमाइज़्ड प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

2. टोकन रैपिंग

टोकन रैपिंग अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्कों के दरमियाँ NFT की मूवमेंट को सुविधाजनक बनाने वाला एक मैकेनिज़्म होता है। इसके लिए मूल NFT को गंतव्य नेटवर्क द्वारा पहचाने जा सकने वाले किसी कम्पेटिबल फ़ॉर्मेट में डाल दिया जाता है। 

रैप्ड टोकन में मूल NFT की समूची आवश्यक जानकारी होती है, जिसके चलते नए नेटवर्क पर उसे सटीक ढंग से पेश कर एक्सचेंज किया जा सकता है। टोकन रैपिंग के माध्यम से NFT की विशिष्टता या कीमत खोए बगैर उन्हें एक ब्लॉकचेन इकोसिस्टम से दूसरे ब्लॉकचेन इकोसिस्टम में बेरोकटोक ट्रांसफ़र किया जा सकता है।

3. साइडचेन ब्रिजिंग

साइडचेन ब्रिजिंग के माध्यम से NFT को किसी साइडचेन और प्रमुख ब्लॉकचेन नेटवर्क के दरमियाँ इधर-उधर किया जा सकता है। साइडचेन किसी प्राइमरी नेटवर्क से जुड़े स्वतंत्र ब्लॉकचेन नेटवर्क होते हैं, जिनका इस्तेमाल खास उद्देश्यों के लिए किया जाता है। 

इस मैकेनिज़्म के तहत NFT को अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्क के दरमियाँ ट्रांसफ़र किया जा सकता है, जिसके चलते उपयोगकर्ता दोनों ही नेटवर्कों के फ़ायदों को भुना पाते हैं।

4. क्रॉस-चेन ब्रिजिंग

NFT को एक ब्लॉकचेन नेटवर्क से दूसरे ब्लॉकचेन नेटवर्क में ट्रांसफ़र करने की प्रक्रिया के दौरान दोनों नेटवर्कों के बीच एक ब्रिज या पुल बनाना होता है। इसके लिए डेवलपर अक्सर स्मार्ट कॉन्ट्रैक्टों और विशेष प्रोटोकॉलों का सहारा लेते हैं। 

इन टूल्स के माध्यम से NFT ट्रांसफ़र प्रक्रिया की सुरक्षा, पारदर्शिता, और कारगरता को सुनिश्चित किया जाता है। इन टेक्नोलॉजियों का भरपूर लाभ उठाकर अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्कों के बीच की खाई को पाटकर डिजिटल एसेट्स के बेरोकटोक एक्सचेंज को मुमकिन बनाया जा सकता है।

NFT स्वैपिंग और NFT ब्रिजिंग — तुलनात्मक विश्लेषण

हालांकि इन दोनों प्रक्रियाओं का लक्ष्य एक ही NFT को अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्कों के दरमियाँ इधर-उधर करना होता है व ये कई तकनीकी पहलू भी साझा करते हैं, इनका ऑपरेशन निम्नानुसार कई तरह से भिन्न भी होता है।

सुरक्षा

NFT स्वैपिंग और NFT ब्रिजिंग से जुड़े सुरक्षा जोखिमों के बारे में जागरूकता अहम होती है। ये दोनों ही प्रक्रियाएँ धोखाधड़ी या हैकिंग के प्रति संवेदनशील होती हैं। लेकिन ट्रांसफ़र प्रक्रिया में अतिरिक्त पार्टियों या प्लेटफ़ॉर्मों की भागीदारी के चलते क्रिप्टो NFT की ब्रिजिंग में ज़्यादा जोखिम हो सकता है। 

इसके चलते सुरक्षा में चूक या गलतियाँ हो सकती हैं। NFT में डील करते समय सुरक्षित लेन-देन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सावधानी बरतते हुए सोचे-समझे फ़ैसले लेने चाहिए।

ट्रांसफ़र की गति

बात जब NFT ट्रांसफ़र की आती है, तब उन्हें एक ही ब्लॉकचेन नेटवर्क में स्वैप करना आमतौर पर उन्हें किसी और नेटवर्क में ब्रिज करने से ज़्यादा तेज़ साबित होता है। 

वह इसलिए कि क्रिप्टो ब्रिजिंग के लिए अक्सर अतिरिक्त प्रक्रियाएँ और प्रोसेसिंग अवधि की ज़रूरत पड़ती है, जैसे गंतव्य प्लेटफ़ॉर्म पर किसी नए NFT की रचना। नतीजतन ऐसे मामलों में ट्रांसफ़र अवधि भी थोड़ी ज़्यादा हो सकती है।

लेन-देन शुल्क

NFT स्वैपिंग एक आसान, कम जटिल प्रक्रिया होती है, जिसके तहत NFT को अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्कों के दरमियाँ ट्रांसफ़र नहीं किया जाता। नतीजतन NFT ब्रिजिंग की तुलना में यहाँ लेन-देन में कम शुल्क अदा करना पड़ता है। 

लेकिन NFT ब्रिजिंग के मामले में NFT को अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्कों में ट्रांसफ़र को सुविधाजनक बनाने के लिए तीसरी पार्टी वाली सेवाओं या प्लेटफ़ॉर्मों का इस्तेमाल करने की ज़रूरत पड़ सकती है, जिसके चलते आपको लेन-देन का ज़्यादा शुल्क अदा करना पड़ सकता है।

इंटरऑपरेबिलिटी

गौरतलब है कि NFT को एक ही ब्लॉकचेन प्लेटफ़ॉर्म या नेटवर्क पर होस्ट किए जाने वाले बाकी NFT के दरमियाँ स्विच किया जा सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि NFT ब्रिजिंग के माध्यम से अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्कों के दरमियाँ इंटरऑपरेबिलिटी हासिल की जा सकती है। 

यह NFT बाज़ार को व्यापक बनाकर NFT के क्रय-विक्रय व एक्सचेंज में एक तरह का लचीलापन ले आता है। NFT ब्रिजिंग की बदौलत NFT की संभावनाएँ और रोमांचक और असीमित हो जाती हैं।

निष्कर्ष

अपने-अपने NFT की कीमत में इज़ाफा लाने के लिए कलेक्टरों, निवेशकों, और निर्माताओं के लिए NFT ब्रिजिंग और NFT स्वैपिंग की काफ़ी अहमियत होती है। उनकी बदौलत उपयोगकर्ता अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्मों में NFT को ट्रेड कर उन्हें ब्रिज कर पाते हैं, लेकिन अभी भी इंटरऑपरेबिलिटी से जुड़ी समस्याओं और सुरक्षा जोखिमों के बारे में कुछ किया जाना बाकी है। 

संभावित समस्याओं से बचने के लिए प्रत्येक टोकन की विशिष्टता को सत्यापित करना अहम होता है। NFT बाज़ार के विकास के साथ-साथ इन टेक्नोलॉजियों की अहमियत भी बढ़ती जाएगी ताकि NFT के साथ काम करने के भरोसेमंद और सुरक्षित तौर-तरीकों को सुनिश्चित किया जा सके।

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