KYT Meaning and Practical Applications

क्रिप्टो लेन-देन में KYT का मतलब और अहमियत

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जब पहली बार क्रिप्टो मुद्राओं ने वैश्विक बाज़ार में प्रवेश किया था, तब उपयोगकर्ताओं की नज़रों में उनकी सबसे बड़ी खासियत उनकी अप्रत्याशित स्वतंत्रता थी। क्रिप्टो मालिक तीसरे पक्षों की निगरानी के बगैर ही वर्चुअल मुद्राओं को स्टोर, प्राप्त, या उनमें भुगतान कर सकते थे। लेकिन धोखाधड़ी, मनी लॉन्डरिंग, और टेरर फ़ाइनेंसिंग के मामले सामने आने के साथ-साथ क्रिप्टो की सबसे बड़ी ताकत जल्द ही उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरियों में से एक में तब्दील हो गई। 

भुगतान प्रक्रिया को ज़्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनाकर क्रिप्टो लेन-देन के संभावित खतरों को दूर करने के लिए ही अपने लेन-देन को जानें, या फिर नो यॉर ट्रांज़ैक्शन (KYT) कॉन्सेप्ट को विकसित किया गया था। इस लेख में KYT प्रक्रिया के अनेक फ़ायदों के बारे में चर्चा कर हम यह जानेंगे कि इस मैकेनिज़्म को अपने व्यवसाय में शामिल करने पर आपको विचार क्यों कर लेना चाहिए। 

प्रमुख बिंदु

  1. नो यॉर ट्रांज़ैक्शन अनुपालन टूल की बदौलत कंपनियाँ संदिग्ध क्रिप्टो लेन-देन पर निगरानी रख उनका पता लगा पाती हैं।
  2. KYT के चलते क्रिप्टो बिज़नस वर्कफ़्लो की सुरक्षित सुनिश्चित कर वित्तीय अपराध को रोक पाते हैं व अपनी एक ठोस प्रतिष्ठता बना पाते हैं।
  3. KYT टूल्स की कुछ सीमाएँ भी होती हैं, जिनमें सेटअप में आने वाली उच्च लागत, फ़ॉल्स पॉज़िटिव मामले, और उपयोगकर्ताओं की निजता को लेकर संदेह शामिल हैं।
  4. सही KYT प्रदाता का चयन आपके ऑपरेटिंग बजट, आपकी व्यावसयिक ज़रूरतों, और आपके क्रिप्टो लेन-देन की जटिलता पर निर्भर करता है।

KYT आखिर क्या होता है व वित्तीय अपराध से वह कैसे बचाता है?

अपने लेन-देन को जानें, या नो यॉर ट्रांज़ैक्शन (KYT) अनुपालन मैकेनिज़्म के तहत व्यवसाय अपने लेन-देन पर निगरानी रख अपनी लेन-देन हिस्ट्री में हो सकने वाले वित्तीय अपराध से बच सकते हैं। 

KYT कार्य-प्रणाली एंटी-मनी लॉन्डरिंग (AML) और काउंटर टेररिस्ट फ़ाइनेंसिंग (CTF) दिशानिर्देशों की रीढ़ है। वित्तीय लेन-देन में ऐसी छोटी-मोटी जानकारी होती है, जिसका KYT टूल्स और मैकेनिज़्मों के बिना विश्लेषण करना मुश्किल हो सकता है।

KYT अपने ग्राहक को जानें, या नो यॉर कस्टमर (KYC) दिशानिर्देश नाम के एक मिलते-जुलते अनुपालन टूल के साथ भी काम करता है। जहाँ KYT निगरानी प्रणाली 1970 के दशक से मौजूद है, बाज़ार की बदलती ज़रूरतों के साथ इस टूल में लगातार बदलाव देखने को मिले हैं।

क्योंकि वित्तीय सेक्टर में अपराधिक गतिविधियों का पता लगाना दिन पर दिन ज़्यादा जटिल और मुश्किल होता जा रहा है, KYT मैकेनिज़्म को व्यवस्थित रूप से अपग्रेड किया जाना चाहिए। ज़ाहिर है कि क्रिप्टो उद्योग में KYT का नाम सबसे विश्वसनीय टूल्स में शुमार हो गया है, और भी क्यों न? इसके चलते व्यवसाय सुरक्षित रहकर अपराध के कारण होने वाले भारी नुकसानों या जटिलताओं से अपना बचाव जो कर पाते हैं। 

हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि KYT ब्लॉकचेन के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ़ जाता है, डिजिटल एसेट्स के माध्यम से की गईं अवैध गतिविधियों का मुकाबला करने में यह एक अहम उपकरण साबित हुआ है। 

KYT आखिर कैसे काम करता है?

जैसाकि ऊपर उल्लेख किया गया है, KYT टूल में काफ़ी बदलाव आए हैं व पिछले कुछ दशकों में उसे लगातार विकसित किया गया है। लेकिन KYT का सामान्य उद्देश्य और कार्य-प्रणाली आज भी वैसी ही है, जैसी वह शुरुआत में थी। धोखाधड़ी वाले संदिग्ध लेन-देन का पता लगाने के लिए वित्तीय संस्थान, क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्रोकरेज, और कई अन्य कंपनियाँ इस मैकेनिज़्म का इस्तेमाल करती हैं। आइए जानते हैं कि यह काम वे कैसे करती हैं। 

The Inner Workings of KYT

AML लेन-देन की निगरानी और विश्लेषण

सफल KYT प्रक्रियाओं के मूल में वित्तीय लेन-देन की ट्रैकिंग और जाँच ही होती है। सबसे पहली और ज़रूरी बात तो यह है कि KYT टेक्नोलॉजी के तहत कंपनियों को IP पतों, प्राप्तकर्ता की जानकारी, बिल, व अन्य उपलब्ध डेटा पॉइंट्स समेत समूचे वित्तीय डेटा को इकट्ठा कर लेना चाहिए। फिर इस जानकारी को मानक से आने वाली विसंगतियों और भटकावों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित एक जटिल अल्गॉरिथम द्वारा प्रोसेस किया जाता है। 

इन असामान्य गतिविधियों में किसी बड़े एकाउंट में छोटे-मोटे लेन देन करना, सिर्फ़ विड्रॉअल करना, या फिर अजीबोगरीब समय-सीमाओं पर ट्रांसफ़र करना शामिल हो सकता है। 

लेकिन यह तो KYT अल्गॉरिथमों की एक छोटी-सी खूबी मात्र है, क्योंकि अपने सिस्टम में लगातार आने वाली अपडेट्स के चलते वे काफ़ी एडवांस्ड हो गए हैं। मुख्यतः आनुभविक ये अपडेट्स धोखाधड़ी के ताज़ा अपराधिक मामलों व अपराध की अन्य पता चलने वाली वाइट-कॉलर गतिविधियों को ध्यान में रखकर की जाती हैं।

ग्राहक प्रोफ़ाइलों का मूल्यांकन करना

लेन-देन इकट्ठा कर उनका विश्लेषण करने के बाद एक क्लाइंट प्रोफ़ाइल बनाना अहम होता है। हालांकि ट्रेडरों का अलग-अलग विश्लेषण किया जा सकता है, एक ग्राहक व्यवहार प्रोफ़ाइल बनाना कहीं ज़्यादा कार्यकुशल और कारगर साबित होता है। इस प्रक्रिया के चलते कंपनियाँ हर क्लाइंट से खास अपेक्षाएँ रखकर इस बात के विश्वसनीय निष्कर्ष पर पहुँच सकती हैं कि उनके एकाउंट में कोई संदिग्ध गतिविधि हो रही है या नहीं। 

उदाहरण के तौर पर, अपनी क्रिप्टो मुद्राओं के साथ हर महीने कई सारे लेन-देन करने वाला कोई ग्राहक अगर अचानक ही हर दूसरे दिन अपने आप ही पैसा ट्रांसफ़र करने लगे तो यह किसी दुर्भावनापूर्ण गतिविधि का संकेत हो सकता है। ज़ाहिर-सी बात है कि व्यवहार में आने वाले बदलावों के पीछे ग्राहक के जायज़ कारण भी हो सकते हैं, लेकिन इस प्रकार के संदिग्ध बदलावों की जाँच करने में ही समझदारी होती है। 

क्रिप्टो सेक्टर में ऐसे लोगों की भरमार है, जो वैध ग्राहकों के तौर पर शुरुआत कर एक नामी क्लाइंट प्रोफ़ाइल बना लेते हैं और फिर अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं। इसलिए रियल-टाइम में क्लाइंट प्रोफ़ाइल का मूल्यांकन ज़रूरी होता है, फिर भले ही उस उपयोगकर्ता का एकाउंट एक लंबे अरसे से वैध ही क्यों न रहा हो। 

KYT और KYC कार्य-प्रणालियों के माध्यम से अपराध के कई बड़े-बड़े मामलों की गुत्थी सुलझाई गई है, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्कों के दरमियाँ भुगतान पैटर्नों की जाँच कर लेने मात्र से ही आतंकवादी समूहों के सदस्यों को गिरफ़्त में लिया गया है।

तेज़तर्रार फ़ैक्ट

KYT अनुपालन प्रक्रियाओं के इस्तेमाल के फ़ायदे

इस सेक्टर में किसी भी छोटे-बड़े व्यवसाय के लिए KYT क्रिप्टो प्रक्रिया बेहद अहम होती है। मौजूदा दौर में छोटे-छोटे क्रिप्टो व्यवसायों को भी KYT लेन-देन प्रक्रियाओं को अपनाने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि वर्चुअल मुद्राओं में वित्तीय अपराध अपने चरम पर पहुँच चुका है। 

Pros and Cons of KYT

KYT प्रक्रिया मनी लॉन्डरिंग के जोखिम, स्कैमर गतिविधियों, आतंकवादी या अपराधिक फ़ाइनेंसिंग के मामलों समेत वित्तीय माध्यमों से संचालित की जाने वाली अन्य दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों से बचाती है। जनता की नज़रों में एक साफ़-सुथरा ट्रैक रिकॉर्ड और एक बेदाग नाम रखना यकीनन KYT का सबसे बड़ा फ़ायदा होता है। 

क्रिप्टो मुद्रा लेन-देन निगरानी टूल्स को अपनाकर कंपनियाँ यह संकेत देती हैं कि उनके प्लेटफ़ॉर्म में कोई जोखिम नहीं है और इस्तेमाल के लिए वह एकदम सुरक्षित है। नतीजतन क्रिप्टो लेन-देन निगरानी के माध्यम से अपने डिजिटल वर्कफ़्लो की सुरक्षा बरकरार रखते हुए रेवेनुए के अपने आंकड़ों में बढ़ोतरी लाई जा सकती है। 

नो यॉर ट्रांज़ैक्शन की सीमाएँ

KYT कार्य-प्रणाली को लेकर तीन प्रमुख चिंताएँ ज़ाहिर की जाती हैं, जिनमें सेटअप में आने वाली लागत, फ़ॉल्स पॉज़िटिव के जोखिम, और डेटा गोपनीयता को लेकर संदेह शामिल हैं।

सबसे पहले तो सेटअप में आने वाला खर्च ही काफ़ी ज़्यादा होता है व कई छोटी-छोटी कंपनियों को KYT के लिए भारी पूंजी निवेश की ज़रूरत भी पड़ सकती है। सभी उपयुक्त प्रणालियों और प्रोटोकॉलों को लागू कर इस प्रक्रिया में कर्मचारियों का समय खपा देने में शुरू-शुरू में तो काफ़ी खर्च आती ही है, आने वाले समय में भी यह अपेक्षाकृत महँगी ही साबित होती है। 

इसके अलावा KYT प्रक्रिया के चलते संदिग्ध गतिविधियों के नाम पर कई फ़ॉल्स पॉज़िटिव्स भी प्राप्त हो सकते हैं। जैसाकि ऊपर उल्लेख किया गया है, ऐसे मामले भी देखने को मिल सकते हैं, जहाँ उपयोगकर्ता जायज़ कारणों के चलते अपने व्यवहार में बदलाव करें। इसलिए इस बात की पुष्टि करने में कि कहीं कोई ग्राहक व्यवसाय के लिए खतरा तो नहीं है, कंपनियों को काफ़ी वक्त और संसाधन ज़ाया करने पड़ते हैं। 

अंत में, क्रिप्टो KYT प्रक्रियाओं में डेटा गोपनीयता से जुड़ी चुनौतियाँ कुछ ज़्यादा ही अहमियत रखती हैं। ब्लॉकचेन लेन-देन का इस्तेमाल करने के सबसे प्रमुख कारणों में उपयोगकर्ताओं की गुमनामी और स्वतंत्रता शामिल हैं। ज़ाहिर है कि KYT प्रक्रिया के चलते ये फ़ायदे गायब-से हो जाते हैं, मगर पैसे के लेन-देन और स्टोरेज के लिए यह समझौता अहम हो जाता है। 

KYC और KYT प्रक्रियाओं के बीच के अहम फ़र्क

नो यॉर कस्टमर सिद्धांत अपने क्रिप्टो व्यवसाय को सुरक्षित रखने का एक और अहम पहलू है। लेकिन KYT के विपरीत यह शुरुआती ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया पर ज़्यादा केंद्रित होता है। KYC के अनुसार, सेटअप प्रक्रिया के दौरान ग्राहक जानकारी एकत्रित करना सारा डेटा प्राप्त करने के लिए अहम होता है।

KYC vs KYT, What's the Difference?

KYT और KYC साथ-साथ चलते हैं क्योंकि उपयोगकर्ताओं का डेटा जमा करने से एक ग्राहक प्रोफ़ाइल बनाकर तदनुसार लेन-देन की उनकी गतिविधियों की जाँच की जा सकती है। मैक्सिमम अनुपालन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन दोनों तरीकों का एक-साथ इस्तेमाल करना ही सबसे बेहतरीन विकल्प साबित होता है।

लेन-देन के लिए कोई उपयुक्त निगरानी सॉफ़्टवेयर कैसे प्राप्त करें

कोई उचित KYT टूल हासिल करने के अहम स्टेप्स आपकी तात्कालिक व्यावसायिक ज़रूरतों पर निर्भर करते हैं। लेकिन आमतौर पर ध्यान में रखने लायक कई फ़ैक्टर भी होते हैं। सबसे पहले तो, संबंधित KYT टूल में ऑटोमेट किए जा सकने वाले पहचान के उपयुक्त टूल्स होने चाहिए। KYT सॉफ़्टवेयर का सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता है कि वह अपने आप ही संदिग्ध व्यवहार का पता लगा लेता है, जिससे व्यवसायों के समय और पैसा, दोनों की ही बचत हो जाती है। 

Steps to Acquiring a Perfect KYT Tool

KYT समाधान को नेविगेट कर उसकी निगरानी करना आसान होना चाहिए क्योंकि इस टूल के साथ आपका स्टाफ़ काफ़ी वक्त बिताएगा। वैसे भी, KYT प्रदाताओं को अपने बुनियादी तौर-तरीकों को अक्सर अपडेट करते रहना चाहिए। इस प्रकार, बाज़ार में आने वाली नयी-नयी दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का पता लगाने के लिए सॉफ़्टवेयर के पास उचित तौर-तरीके होंगे। 

अंत में, कीमत की भी अपनी अहमियत होती है क्योंकि कुछ KYT प्रदाता अपनी सब्सक्रिप्शन के लिए भारी रकम वसूलते हैं। लेकिन छोटी-छोटी कंपनियों को अक्सर बड़े KYT प्रदाताओं की व्यापक और जटिल सेवाओं की ज़रूरत नहीं होती। इसलिए कोई भी फ़ैसला लेने से पहले अपनी ज़रूरतों, व्यावसायिक दायरे और संचालान्त्मक चुनौतियों का अच्छे से विश्लेषण कर लें क्योंकि इससे हर महीने आपके काफ़ी पैसे बच जाएँगे। 

अंतिम विचार

अपनी बेदाग प्रतिष्ठा बरकरार रखने और अपने कामकाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने का इरादा रखने वाली किसी भी क्रिप्टो कंपनी के लिए KYT प्रक्रिया अहम होती है। अनुपालन सुनिचित करने, अपने हितधारकों का ध्यान रखने, और भारी नुकसान से बचने के लिए ग्राहकों के व्यवहार और ब्लॉकचेन लेन-देन का विश्लेषण एक बेहतरीन तरीका होता है। इसलिए बाज़ार का विश्लेषण कर अपनी ज़रूरतों के हिसाब से सबसे बेहतरीन KYT प्रदाता का चयन करने की सलाह दी जाती है। यह टूल एक दिन आपकी कंपनी को अप्रत्याशित गंभीर परिणामों से बचा सकता है।

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द्वारा लिखित

Levan Putkaradzeलेखक
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द्वारा समीक्षित

Tamta Suladzeप्रमुख लेखक

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