हाल ही के वर्षों में क्रिप्टो बाज़ार में काफ़ी प्रगति देखने को मिली है। एक मज़बूत शुरुआत मिलने और फिर अपनी जवानी में ही दो असफलताओं से जूझने क बाद 2024 में फलने-फूलने के लिए क्रिप्टो एक कमाल की स्थिति में है। लेकिन इन सभी उतार-चढ़ावों के दरमियाँ एक कॉइन ने क्रिप्टो मुद्रा पायदान में अपनी जगह बरकरार रखी है। 2024 के क्रिप्टो इकोसिस्टम में भी पहले जितना ही प्रभावशाली बना हुआ Bitcoin ट्रेडरों को निवेश का सबसे स्थायी अवसर प्रदान कर रहा है।
तो ज़ाहिर-सी बात है कि BTC डॉमिनेंस , जिसका नाम सबसे ज़्यादा सक्रिय रूप से विश्लेषित किए जाने वाले क्रिप्टो अनुपातों में शुमार है, अपने हिसाब-किताब के लिए Bitcoin की मार्केट कैप का एक सहारे के तौर पर इस्तेमाल करता है। इस लेख में हम जानेंगे कि किस प्रकार Bitcoin बाज़ार क्रिप्टो मुद्रा बाज़ार को प्रभावित करता है व ट्रेडिंग के अपने रोज़मर्रा के एनालिटिक्स में आपको Bitcoin डॉमिनेंस चार्ट को क्यों शामिल करना चाहिए।
प्रमुख बिंदु
- BTC डॉमिनेंस का हिसाब Bitcoin की मार्केट कैप को क्रिप्टो बाज़ार के कुल कैप आँकड़े से विभाजित करके लगाया जाता है।
- क्रिप्टो माहौल में होने वाले किसी भी बदलाव को तेज़ी से प्रदर्शित कर BTC डॉमिनेंस संभवतः तेजड़िए या मंदड़िए बाज़ार का संकेत दे सकता है।
- उभरते हुए ऑल्टकॉइन BTC डॉमिनेंस अनुपात, क्रिप्टो बाज़ार में होने वाली हलचल, और वैश्विक अर्थव्यवस्था या नियमों जैसे बाहरी फ़ैक्टरों को प्रभावित कर सकते हैं।
- कई विशेषज्ञ हिसाब में सिर्फ़ PoW ऑल्टकॉइन्स की मार्केट कैप का इस्तेमाल करने वाले “असली” BTC डॉमिनेंस अनुपात को तवज्जो देते हैं।
Bitcoin डॉमिनेंस आखिर क्या होती है?
आसान शब्दों में कहें तो Bitcoin का डॉमिनेंस अनुपात BTC की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन को कुल क्रिप्टो मुद्रा मार्केट कैप से विभाजित कर उसका हिसाब लगाने वाला एक सीधा-साधा फ़ॉर्मूला होता है। इस फ़ॉर्मूले को अच्छे से समझने के लिए सबसे पहले तो हमें मार्केट कैपिटलाइज़शन की अवधारणा को समझना होगा। किसी भी ट्रेड-योग्य एसेट की मार्केट कैप बस उसके सभी उपलब्ध यूनिट्स के कुल उचित मूल्य का हिसाब भर लगाती है।
इस अवधारणा को और भी स्पष्ट रूप से समझने के लिए सर्कुलेटिंग सप्लाई और Bitcoin की कीमत का इस्तेमाल कर आइए फ़टाफ़ट Bitcoin की मार्केट कैप का हिसाब लगा लेते हैं। फ़िलहाल BTC की कीमत लगभग $42,000 है। 2024 में BTC की सर्कुलेटिंग सप्लाई 196 लाख यूनिट्स तक पहुँच चुकी है। अब इन दो वेरिएबल्स को गुणा कर लगभग $825 अरब की राशि प्राप्त होती है, जो करीब-करीब मौजूदा BTC मूल्यांकन जितनी है।
हालांकि मार्केट कैप आँकड़े हमेशा ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं, इस वैल्यू का हिसाब लगाने की मामूली-सी प्रक्रिया को आप आराम से अकेले भी कर सकते हैं।
तो BTC मार्केट कैप का ठोस आंकड़ा प्राप्त कर लेने के बाद अब समय है BTC डॉमिनेंस अनुपात का हिसाब लगाने का। इसके लिए हमें BTC मार्केट कैप को समूचे क्रिप्टो मार्केट कैप आँकड़े से विभाजित करना होगा, जो फ़िलहाल $16.5 खरब है।
नतीजतन 50% का मौजूदा BTC डॉमिनेंस अनुपात यह दर्शाता है कि समूचे क्रिप्टो मुद्रा बाज़ार की तुलना में Bitcoin की उपस्थिति कितनी अहमियत रखती है। बुनियादों बातों को भलीभांति समझ लेने के बाद चलिए अब क्रिप्टो के सबसे जाने-माने अनुपात के महत्त्व और व्यावहारिक उपयोगिता के बारे में चर्चा करते हैं।
क्रिप्टो जगत में BTC डॉमिनेंस अहमियत क्यों रखती है?
जैसाकि ऊपर चर्चा की गई है, क्रिप्टो मुद्रा बाज़ार में Bitcoin की पकड़ अभी भी जस की तस बनी हुई है। BTC डॉमिनेंस अनुपात की, जिसे उपयुक्त रूप से फ़्लैगशिप मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है, समूचे क्रिप्टो बाज़ार में स्थायी उपस्थिति आज भी पहले जितनी ही मज़बूत है।
अनेक चुनौतियों से गुज़रने के बाद भी Bitcoin हमेशा अपेक्षाकृत मज़बूत और स्वस्थ मार्केट कैपिटलाइज़ेशन को बरकरार रखने में कामयाब रहा है, जबकि अलग-अलग तरह की जटिलताओं के चलते अन्य ऑल्टकॉइन्स का बाज़ार में आना-जाना चलता ही रहता है।
इसलिए जब Bitcoin की डॉमिनेंस को किसी भी प्रकार की चुनौती मिलती है, तो निवेश के नए अवसरों के लिए वह एक कमाल का संकेत होता है। आमतौर पर बाज़ार के तेजड़िए रुख के दौरान या किसी नए कॉइन के आने के कारण या फिर किसी उतनी ही अहम घटना के चलते BTC डॉमिनेंस अनुपात में गिरावट आ जाती है।
इसलिए BTC डॉमिनेंस अनुपात यह दर्शाता है कि क्रिप्टो बाज़ार में भारी बदलाव कब आ रहे हैं, जो लगभग हमेशा ही विशिष्ट एसेट्स पर लॉन्ग या शॉर्ट पोज़ीशन बनाने का एक कमाल का मौका बनकर आते हैं।
यह देखना आसान है कि विशेषज्ञ ट्रेडर अक्सर BTC डॉमिनेंस का इस्तेमाल क्यों करते हैं। आखिर यह अनुपात बाज़ार के बदलावों का एक स्पष्ट सिग्नल जो होता है। हालांकि यह अनुपात सरल-सा होता है, माहिर निवेशकों के हाथों में यह काफ़ी कारगर साबित होता है व इसकी बदौलत बाज़ार के बदलते हालातों के प्रति वे फ़टाफ़ट ढल पाते हैं।
BTC डॉमिनेंस को कौन-कौनसे फ़ैक्टर और वेरिएबल प्रभावित करते हैं?
क्रिप्टो बाज़ार के अंदर और बाहर सामने आने वाले कई वेरिएबल्स और हालातों के चलते BTC डॉमिनेंस अनुपात में बदलाव आ सकता है। लेकिन यहाँ शक की सुई अक्सर कुछ खास बातों पर आकर रुकती है, जिनका आप फ़ौरन विश्लेषण कर सकते हैं।
बाज़ार में हलचल मचाने वाले नए कॉइन्स
BTC डॉमिनेंस अनुपात में बदलाव लाने वाला सबसे जाना-माना फ़ैक्टर नए ऑल्टकॉइनों का आगमन है। क्रिप्टो बाज़ारें अभी भी अपनी किशोरावस्था में हैं, यानी कि नयी टेक्नोलॉजी, उपयोगिताएँ, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट फ़ंक्शनैलिटी व अन्य इनोवेशनें पेश करने वाली उभरती मुद्राओं का इंडस्ट्री खुली बाहों से स्वागत करने को तैयार बैठी है। समय-समय पर क्रिप्टो का कोई नया प्रोजेक्ट आकर अपने शानदार विचारों के चलते काफ़ी हाइप बना देता है।
जब इस तरह के ऑल्टकॉइन्स को पेश किया जाता है, तो उनके आरंभिक मूल्यांकन में तेज़ी से इज़ाफा आ सकता है, जो क्रिप्टो बाज़ार की कुल कैप पर भारी प्रभाव डाल सकता है। ज़्यादातर मामलों में ताज़े ऑल्टकॉइन्स ओवरवैल्यूएशन की साइकिल से गुज़रकर आखिरकार अपने निश्चित अंत को प्राप्त हो जाते हैं। इस समूची प्रक्रिया को नयी टेक्नोलॉजी के इर्द-गिर्द बना हाइप ही चलाता है।
ज़्यादातर मामलों में ऑल्टकॉइन डॉमिनेंस विंडो अपेक्षाकृत छोटी होती है। लेकिन इस काम में सफलता हासिल कर कुछ ऑल्टकॉइन्स वैश्विक बाज़ार में एक सम्मानजनक जगह बनाने में कामयाब भी रहे हैं। Ethereum इसका एक शानदार उदाहरण है, जिसने 2014 में उभरने के बाद वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप के एक अच्छे-खासे हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया।
बाज़ार के अन्य इनोवेशन
नए ऑल्टकॉइन्स के अलावा, ब्लॉकचेन के ठोस टेक्नोलॉजिकल आधार के चलते क्रिप्टो बाज़ार को काफ़ी हलचल का सामना करना पड़ा है। दुनिया की नज़रों में आकर भारी मार्केट कैपिटलाइज़ेशन अर्जित करने वाली ब्रैंड न्यू टेक्नोलॉजियों के कुछ जाने-माने उदाहरणों में शुमार हैं NFT, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट फ़ंक्शनैलिटी, DAO, और स्टेबलकॉइन अवधारणाएँ। लेकिन कुछ इनोवेशन अन्य इनोवेशनों की तुलना में ज़्यादा टिकाऊ होते हैं।
जहाँ स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट इंडस्ट्री का एक अहम हिस्सा और बाज़ार के दूसरे सबसे कीमती कॉइन, Ethereum, की रीढ़ बन चुके हैं, अपने मूल रूप में NFT लगभग विलुप्त ही हो चुके हैं।
ज़ाहिर है कि हर इनोवेशन से BTC डॉमिनेंस में स्थायी या यहाँ तक कि कुछ वक्त तक रहने वाला बदलाव भी नहीं आता है। ज़्यादातर मामलों में इनोवेशनों के पीछे हाइप मात्र होता है, जिनसे BTC डॉमिनेंस में अस्थायी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इंडस्ट्री विशेषज्ञ इन बदलावों को लगभग फ़ौरन पहचान भी लेते हैं।
स्टेबलकॉइन्स का ज़माना
पिछले अनुभाग का एक विशिष्ट उदाहरण यह होगा कि 2018 में स्टेबलकॉइन्स ने क्रिप्टो बाज़ार को बदलकर रख दिया था, जिससे BTC डॉमिनेंस मेट्रिक की अहमियत काफ़ी कम हो गई। स्टेबलकॉइन्स न सिर्फ़ सबसे सुरक्षित, बल्कि फ़्लैगशिप मुद्रा के सबसे विनियमित क्रिप्टो विकल्प के तौर पर भी उभरे हैं, जिसके चलते बाज़ार की अस्थिरता से पनपने वाले भारी जोखिमों से जूझे बगैर ही निवेशक क्रिप्टो में निवेश कर सकते हैं।
स्टेबलकॉइन्स की पहली पीढ़ी में शुमार USDT और USDC ने Bitcoin के प्रभुत्व को अभूतपूर्व चुनौती देकर बाज़ार के अच्छे-खासे हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है। स्टेबलकॉइन्स के आगमन से स्टेबलकॉइन सप्लाई अनुपात (SSR) कहे जाने वाले एक नए अनुपात का भी जन्म हुआ। इस अनुपात का हिसाब Bitcoin की मार्केट कैप को स्टेबलकॉइन्स की कुल मार्केट कैप से विभाजित कर लगाया जाता है।
जहाँ कई और कॉइन्स गुमनामी के अँधेरे में खो चुके हैं, अपनी स्थिर प्रकृति और फ़िएट में आसान तब्दीली के चलते स्टेबलकॉइन्स आज भी अपनी जगह पर काबिज़ हैं। हालांकि 2024 के आरंभ में उनका मार्केट शेयर सिर्फ़ 8% का ही था, उनकी उपस्थिति में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
राजनीतिक और नियामक प्रभाव
राजनीतिक, नियामक और वित्तीय फ़ैक्टरों समेत कई बाहरी फ़ैक्टर भी BTC डॉमिनेंस अनुपात को प्रभावित करते हैं। अप्रत्याशित अनियमितताओं के चलते कभी-कभी Bitcoin के डॉमिनेंस मेट्रिक को नफ़ा-नुकसान हो जाता है। COVID-19 ऐसी ही ब्लैक स्वैन घटना का एक उपयुक्त उदाहरण है, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को कारगर ढंग से बदलकर आखिरकार यह इतिहास के सबसे अहम बुल रन का कारण बनी थी।
काफ़ी अहम फ़ैक्टर साबित हुए हालिया नियामक रुझानों ने भी ज़्यादा कड़े KYC और एंटी-मनी लॉन्डरिंग कानूनों को पेश कर समूचे क्रिप्टो इकोसिस्टम का हुलिया ही बदलकर रख दिया है। इसके अलावा, क्रिप्टो बाज़ार के जोखिमों को सीमित करने के लिए सरकारें भी सक्रिय रूप से चर्चा कर रही हैं, जिसके फलस्वरूप समूचा बाज़ार प्रभावित होगा। लेकिन ऐसे में ऑल्टकॉइन्स को ज़्यादा नुकसान होगा क्योंकि Bitcoin तो पहले ही सबसे ज़्यादा सुरक्षित ढंग से नियमित क्रिप्टो मुद्राओं में से एक है।
अंत में, फ़िएट सेक्टर की सफलता हमेशा से क्रिप्टो की और खासकर Bitcoin की ग्रोथ से जुड़ी रही है। जब भी परंपरागत बाज़ारें अस्थिरता या अनिश्चितता का अनुभव करती हैं, तब कई निवेशक अपने क्रिप्टो निवेश बेचकर मुद्रा की ज़्यादा सुरक्षित फ़ॉर्म के पास लौट जाना ही पसंद करते हैं। हालांकि यह बात हमेशा सच नहीं होती, आम जनता अभी भी फ़िएट रिज़र्व पर ही भरोसा करती है।
उपर्युक्त सभी फ़ैक्टरों से BTC डॉमिनेंस अनुपात में बढ़ोतरी या गिरावट आ सकती है, जिसके चलते निवेश अवसरों के लिए अनुकूल या प्रतिकूल हालात पैदा हो सकते हैं। इसलिए संकीर्ण दायरे के बजाये BTC डॉमिनेंस को व्यापक तौर पर समझना अहम होता है।
BTC डॉमिनेंस चार्ट्स के व्यावहारिक इस्तेमाल
ज़ाहिर-सी बात है कि BTC डॉमिनेंस मेट्रिक के लिए कई सारी ऐप्लीकेशन उपलब्ध हैं। इस अनुपात का विश्लेषण कर नौसिखिये और अनुभवी ट्रेडर यह समझ सकते हैं कि BTC जगत और आम क्रिप्टो बाज़ार में आखिर चल क्या रहा है।
जहाँ उद्योग जगत के लीडरों ने Bitcoin की एक से बढ़कर एक जटिल ट्रेडिंग रणनीति ईजाद की है, BTC डॉमिनेंस को आसानी से समझा जा सकता है। BTC कीमत और डॉमिनेंस मेट्रिक के संबंध पर विचार करते समय चार संभावित परिणाम होते हैं। आइए उनमें से हरेक परिणाम का विश्लेषण करके देखते हैं।
BTC कीमत ऊपर जाती है, और डॉमिनेंस ऊपर जाती है
काफ़ी सीधी-साधी-सी यह पहली संभावना एक और ऐसी साइकिल की तरफ़ इशारा करती है, जिसमें Bitcoin की वैल्यू बढ़ जाती है, जबकि अन्य ऑल्टकॉइन्स में मंदी रहती है। इस मामले में, एक बुल रन की अपेक्षा तो होती है, लेकिन सिर्फ़ BTC कॉइन के संदर्भ में ही। इस नतीजे के लिए कई कारण ज़िम्मेदार होते हैं। आमतौर पर रूढ़िवादी ट्रेडिंग रणनीतियों का इस्तेमाल करने वाले नए निवेशकों के आगमन से कभी-कभी BTC लोकप्रिय हो जाता है। इसके लिए BTC कॉइन के इर्द-गिर्द होने वाले सकारात्मक विकास भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं, जैसे नए और बेहतर सुरक्षा उपाय या नियामक रुझान।
BTC कीमत ऊपर जाती है, लेकिन डॉमिनेंस नीचे जाती है
दूसरा नतीजा लगभग हमेशा ही यह दर्शाता है कि क्रिप्टो जगत में एक आम बुल रन उभर रही है। अगर BTC की कीमत में बढ़ोतरी आती है, तो उसकी मार्केट कैप में भी बढ़ोतरी आ जाती है। लेकिन अगर BTC डॉमिनेंस सिकुड़ रही है, तो इसका इकलौता मतलब यही हो सकता है कि बाकी ऑल्टकॉइन्स के मूल्यांकन में BTC से भी ज़्यादा तेज़ी से विस्तार हो रहा है। इसलिए इस शर्त के पूरा होने का मतलब यह होता है कि या तो बुल रन आने को है या फिर वह पहले ही चालू है। यह बात आमतौर पर तब भी मान्य होती है, जब BTC की कीमत लैटरल बनी रहती है।
BTC कीमत नीचे जाती है, लेकिन डॉमिनेंस ऊपर जाती है
यह स्थिति पिछली स्थिति के बिल्कुल उलट होती है क्योंकि इसके तहत BTC की मार्केट कैप में तो गिरावट आ ही रही होती है, पर बाकी के बाज़ार में तो और भी ज़्यादा गिरावट आ रही होती है। इस हालात ने हमेशा से ही समूची इंडस्ट्री में किसी ऑल्टकॉइन मंदड़िए बाज़ार के आगमन की ओर इशारा किया है, और आमतौर पर यह बुल रन साइकिल के समाप्त होने के बाद ही देखने को मिलता है। इस हालात में इस निष्कर्ष पर पहुँचना कठिन हो जाता है कि BTC अच्छा परफ़ॉर्म कर रहा है या नहीं क्योंकि ज़्यादातर मंदड़िए बाज़ारों को आनुभविक रूप से BTC की कीमतों को भारी नुकसान हुआ होता है। यही नतीजा BTC कीमत के बरकरार रहने पर भी देखने को मिलता है।
BTC कीमत नीचे जाती है, डॉमिनेंस ऊपर जाती है
आखिरी परिणाम खुद BTC के लिए खास मंदड़िए बाज़ार वाला होता है, जिसके तहत अलग-अलग हालातों के चलते फ़्लैगशिप कॉइन को उथल-पुथल से गुज़रना पड़ सकता है। आमतौर पर BTC मंदड़िए बाज़ार किसी शून्य में नहीं चलते, व अन्य कॉइन्स को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन बाज़ार में ऐसी एक-आधी स्थितियाँ भी देखने को मिली हैं, जब BTC को सबसे ज़्यादा धक्का लगा है। इस घटना के लिए ज़्यादातर BTC की वास्तविक उपयोगिता और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट फ़ंक्शनैलिटी की कमी को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।
यानी कि अगर मंदड़िया बाज़ार लगभग निश्चित है, तो स्मार्ट अनुबंधों वाली Ethereum की कोर उपयोगिताओं के चलते कुछ निवेशक Ethereum की तुलना में BTC को जल्दी बेच सकते हैं।
“असली” BTC डॉमिनेंस चार्ट्स और उनकी उपयोगिता की जाँच करना
अब तक आपके मन में एक सवाल आ चुका होगा: BTC मार्केट कैप की तुलना बाकी के क्रिप्टो बाज़ार से करना क्या उचित है? ज़ाहिर है, इस सवाल को उठा चुके कई विशेषज्ञों ने एक और फ़ॉर्मूला ईजाद करने का फ़ैसला किया था, जिसे “वास्तविक” BTC डॉमिनेंस अनुपात का उचित नाम दिया गया था। इस फ़ॉर्मूले और इसके संबंधित चार्ट के तहत सीधे-सीधे Bitcoin के मुकाबले में न खड़ी होने वाली क्रिप्टो मुद्राओं को हटा दिया जाता है।
उदाहरण के लिए इस अनुपात में स्टेबलकॉइन, केंद्रीकृत मुद्राएँ, या फिर प्रूफ़-ऑफ़-वर्क (PoW) कन्सेंसस मैकेनिज़्म के तहत काम न करने वाले किसी भी क्रिप्टो प्रोजेक्ट को शामिल नहीं किया जाता है। नतीजतन “वास्तविक” BTC डॉमिनेंस अनुपात कुछ ऐसा दिखाई देता है:
हालांकि इस फ़ॉर्मूले से इंडस्ट्री में BTC की स्थिति की ज़्यादा स्पष्ट तस्वीर ज़ाहिर हो जाती है, इसका हिसाब लगाना भी काफ़ी मुश्किल होता है। बाज़ार में उपलब्ध सभी PoW कॉइन्स को ट्रैक करने का फ़िलहाल कोई सुविधाजनक तरीका उपलब्ध नहीं है, और ज़्यादातर जाने-माने इंडेक्स प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ़ बुनियादी BTC डॉमिनेंस अनुपात को ही दर्शाते हैं।
उदाहरण के तौर पर Bitcoin डॉमिनेंस TradingView चार्ट को चंद सेकंड में एक्सेस कर आप BTC के समूचे इतिहास के लिए एक सटीक अनुपात प्राप्त कर सकते हैं। “वास्तविक” BTC डॉमिनेंस अनुपात के मामले में विकल्प काफ़ी ज़्यादा सीमित होते हैं। लेकिन कुछ वेबसाइटों पर आपको अभी भी “वास्तविक” अनुपात देखने को मिल सकता है।
अंतिम विचार
महत्त्वाकांक्षी ट्रेडरों और व्यवसायियों के लिए Bitcoin डॉमिनेंस अनुपात एक अहम उपकरण होता है। इस सरल लेकिन कारगर मेट्रिक का इस्तेमाल कर आपको कई प्रकार की उपयोगी जानकारी प्राप्त हो सकती है व आप इस बात का पता लगा सकते हैं कि बाज़ार में भारी बदलाव आने वाले हैं या नहीं।
हालांकि BTC डॉमिनेंस कई चीज़ों की ओर इशारा कर सकती है, इसकी व्याख्या कर प्रतिस्पर्धी फ़ायदा उठाने में इसका इस्तेमाल करना कोई मुश्किल काम नहीं होता। लेकिन BTC डॉमिनेंस की सादगी के चलते व्याख्या के लिए काफ़ी जगह बाकी भी रह जाती है।
इसलिए कोई भी अंतिम निवेश निर्णय लेने से पहले अपने निष्कर्षों की अपने साथियों के निष्कर्षों के साथ अच्छे से तुलना कर लें या फिर अधिक निश्चितता प्राप्त करने के लिए पूरक अनुपातों का इस्तेमाल करें।
आम सवाल-जवाब
BTC डॉमिनेंस का आखिर क्या मतलब होता है?
BTC डॉमिनेंस Bitcoin की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन की समूची क्रिप्टो मार्केट कैप से तुलना करने वाला एक अनुपात होता है। Bitcoin के मौजूदा प्रभाव को फ़ौरन दर्शाकर यह अनुपात बाज़ार में आने वाले संभावित बदलावों के प्रति अक्सर इशारा करता है।
क्या Bitcoin की डॉमिनेंस कम हो रही है?
2010 के दशक की शुरुआत से लेकर मध्य तक Bitcoin का क्रिप्टो बाज़ार पर काफ़ी दबदबा था। लेकिन स्मार्ट कॉन्ट्रैक्टों और स्टेबलकॉइन्स के आ जाने से Bitcoin के अच्छे-खास मार्केट शेयर में भारी सेंध लगी है।
Bitcoin की डॉमिनेंस अहमियत क्यों रखती है?
BTC डॉमिनेंस क्रिप्टो बाज़ार में काम करने वाले लगभग हर व्यक्ति के लिए उपयोगी साबित होने वाला एक सादा-सा अनुपात है। इसका फ़ौरन विश्लेषण किया जा सकता है व यह विश्वसनीय ढंग से यह प्रदर्शित करता है कि बाज़ार में किसी प्रकार का कोई बदलाव देखने को मिल रहा है या नहीं।