पिछले कुछ वर्षों मे डिजिटल एसेट ट्रेडिंग और एक्सचेंजिंग पर नियंत्रण हासिल करने के केंद्रीकृत प्राधिकरणों के नियमों और प्रयासों की खबरों ने क्रिप्टो बाज़ार को व्यस्त रखा है।
खासकर FTX वाले कुख्यात कांड और LUNA कॉइन के पतन के बाद SEC क्रिप्टो मुद्राओं में डील करने वाले एक्सचेंजों और व्यवसायों पर नकेल कस रहा है। अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ के तौर पर कुछ टोकनों को नामित कर इस अमेरिकी नियामक संस्था ने उन एसेट्स को लिस्ट करने वाले संगठनों पर मुक़दमा दायर किया है।
क्रिप्टो और SEC के बीच की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे को अमेरिकी अदालतों के चक्कर कटवा रहे हैं। चलिए SEC की गतिविधियों की टाइमलाइन और क्रिप्टो एसेट्स के भविष्य की समीक्षा करते हैं।
प्रमुख बिंदु
- सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) संयुक्त राज्य अमेरिका की वित्तीय नियामक एजेंसी है।
- धन के निवेश और संबंधित पार्टियों की जाँच कर SEC यह निर्धारित करता है कि क्या वे सिक्योरिटीज़ हॉवे टेस्ट पास करती हैं या नहीं।
- क्रिप्टो मुद्राओं को लेकर एक सख्त ढाँचे का पालन करते हुए SEC अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ में डील करने वाले विभिन्न एक्सचेंजों और प्लेटफ़ॉर्मों पर मुकदमे दायर करता है।
- पंजीकृत सिक्योरिटीज़ का फ़ेडरल एजेंसी के सामने पूर्ण खुलासा किया जाना चाहिए। ऐसा न करने से वे अपंजीकृत हो जाती हैं, जो US सिक्योरिटीज़ एक्सचेंज एक्ट का उल्लंघन है।
अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ को समझना
राष्ट्रीय वित्तीय नियामक कुछ विशिष्ट प्रकार के एसेट्स की ट्रांसफ़र और स्वामित्व को नियंत्रित करते हैं, जिसके चलते उन्हें राष्ट्रीय या फ़ेडरल एजेंसियों के साथ पंजीकृत होकर पूर्ण प्रकटीकरण करना होता है।
उदाहरण के तौर पर, स्टॉक्स और बॉन्ड्स को किसी पंजीकृत व्यवसाय के स्वामित्व से संबंधित वैल्यू रखने वाली राष्ट्रीय सिक्योरिटीज़ के तौर पर देखा जाता है। इसलिए संगठनों को मार्केट वैल्यू, स्वामित्व में बदलाव, ऐतिहासिक रिकॉर्ड व अन्य चीज़ों से संबंधित सम्पूर्ण दस्तावेज़ मुहैया कराने चाहिए।
इसलिए अपनी परिभाषा के अनुसार अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ वे एसेट्स होती हैं, जो किसी संबंधित नियामक संस्था में पंजीकृत नहीं हैं, जिसके चलते खरीदारी और बिक्री उल्लंघन हो जाते है। लेकिन पंजीकृत सिक्योरिटीज़ को लेकर अलग-अलग प्राधिकरणों की अलग-अलग आवश्यकताएँ हो सकती हैं, जिनके बारे में हम बाद के अनुभागों में बात करेंगे।
क्या क्रिप्टो सिक्योरिटीज़ होती हैं?
सबसे पहली क्रिप्टो मुद्रा को वर्ष 2009 में सुविधा प्रदाताओं या सरकारों के केंद्रीय नियंत्रण पर निर्भर न करने वाली विकेंद्रीकृत भुगतान और स्टोरेज प्रणाली बनाने के इरादे से बनाया गया था।
क्रिप्टो मुद्राओं के जीवन-काल के शुरुआती चंद वर्षों में बैंकों और केंद्रीकृत सरकारों ने उस पर उतना ध्यान नहीं दिया। उनका मानना था कि यह कहानी जल्द ही खत्म हो जाएगी।
लेकिन ज़्यादा वर्चुअल एसेट्स और मुद्राओं के उभरने के साथ-साथ डिजिटल समुदाय Web 3.0 और विकेंद्रीकृत ऐप्लीकेशनों में ज़्यादा दिलचस्पी लेने लगे। नतीजतन क्रिप्टो बाज़ार के आकार, उपयोगकर्ता आधार, मार्केट कैपिटलाइज़ेशन, और ट्रेडिंग वॉल्यूम में इज़ाफा आता रहा।
भुगतान गेटवे, पैसे की ट्रांसफ़र, और ऑनलाइन व्यवसायों के अहम अंग बन चुके ये डिजिटल एसेट्स वैश्विक मंच पर और भी ज़्यादा प्रभावशाली बन गए हैं।
इसलिए नियामक संस्थाओं ने क्रिप्टो निवेश और लेन-देने करवाने वाले व्यवसायों की जाँच शुरू कर इन व्यवसायों द्वारा मुहैया कराए जाने वाले अलग-अलग तरह के डिजिटल एसेट्स की निगरानी करते हुए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत करवाना अनिवार्य कर दिया।
हाल ही में वर्चुअल टोकनों और कॉइन्स को लिस्ट करने के लिए विनियमित क्रिप्टो एक्सचेंजों पर मुकदमे दायर करने की अमेरिकी नियामक संस्था की कार्रवाई ने यह प्रश्न उठा दिया है कि क्रिप्टो के दृष्टिकोण से सिक्यूरिटी आखिर क्या होती है। और इसके लिए मंज़ूरी प्राप्त करने के मानदंड क्या हैं?
अमेरिकी नियामक संस्था का कहना है कि वर्चुअल मुद्राएँ किसी पंजीकृत व्यवसाय – यानी कि कॉइन या टोकन के संस्थापक – द्वारा जारी किए गए किसी एसेट के स्वामित्व को दर्शाती हैं, जिससे यह किसी कानूनी अनुबंध जैसा हो जाता है। लेकिन यह नियम Bitcoin पर लागू नहीं होता। तो आखिर कौनसे क्रिप्टो सिक्योरिटीज़ नहीं होते?
क्रिप्टो मुद्राओं को लेकर SEC का नियम
संयुक्त राज्य अमेरिका का सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन सिक्योरिटीज़ बाज़ार को नियंत्रित करने वाला फ़ेडरल प्राधिकरण है, जिस पर लेन-देन के आचरण को विनियमित करने, निवेशकों और बाज़ार में भाग लेने वाले लोगों के अधिकारों की रक्षा करने, और ट्रेडिंग में ईमानदारी और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के ज़िम्मेदारियाँ हैं।
SEC को 1934 में एक ऐसे केंद्रीकृत प्राधिकरण के तौर पर स्थापित किया गया था, जहाँ व्यवसाय अपनी गतिविधियों को पंजीकृत करवा सकते थे, एक्सचेंज अपने सौदों का खुलासा कर सकते थे, और कंपनियाँ अपनी स्वामित्व स्थिति और शेयरों को दायर कर सकती थीं। अपने जीवन-कल की ज़्यादातर अवधि के दौरान SEC का सरोकार राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर अच्छा-खासा प्रभाव रखने वाले दो सबसे बड़े उद्योगों, स्टॉक्स और बॉन्ड्स, की ट्रेडिंग से रहा है।
उदाहरण के लिए, किसी कंपनी के पब्लिक हो जाने पर उसे SEC से IPO मंज़ूरी प्राप्त होती है, जिसके बाद संबंधित नियमों के सम्पूर्ण अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए वह अपने लेन-देन और मूल्यांकन का रिकॉर्ड रखती है।
लेकिन क्रिप्टो बाज़ार की हालिया घटनाओं ने बाज़ार के घोषित नियामक, SEC, का ध्यान आकर्षित किया है ताकि इन घटनाओं को खत्म किया जा सके। इन घटनाओं में LUNA के क्रैश के लिए ज़िम्मेदार TerraUSD (UST) स्टेबलकॉइन का पतन और वित्तीय कुप्रबंधन के खुलासे के बाद एक जाने-माने क्रिप्टो एक्सचेंज का डिफ़ॉल्ट शामिल है।
तब से, SEC के अध्यक्ष, गैरी जेंसलर, ने क्रिप्टो प्रकृति वाली अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ की बिक्री के लिए क्रिप्टो एक्सचेंजों पर नियम-कायदों और मुकदमों की जैसे लड़ी-सी लगी दी है।
वर्चुअल मुद्राओं और टोकनों को शक की नज़र से देखते हुए अमेरिकी फ़ेडरल वित्तीय नियामक ने यह दावा किया है कि उन्हें नियंत्रण-मुक्त कर देने से वित्तीय आपदाएँ उठ खड़ी होती हैं और उनका लाभ उठाने का एकमात्र रास्ता उन्हें पंजीकृत एसेट्स के तौर पर ऑफ़र करना ही है।
सिक्योरिटीज़ के लिए योग्यता मानदंड
इन्वेस्टमेंट कंपनी एक्ट के अंतर्गत SEC सिक्योरिटीज़ की पहचान वित्तीय उपकरण के रूप में करता है, जिसमें सार्वजानिक तौर पर लिस्ट किए गए किसी व्यवसाय में स्वामित्व, कंपनी के एसेट्स में स्वामित्व पर दावा ठोकने का अधिकार, या फिर किसी कंपनी और सरकारी संस्था के बीच ऋण लेने-देने का समझौता शामिल होता है। ये तीन मामले स्टॉक्स, ऑप्शन, और बॉन्ड्स की परिभाषाएँ होते हैं।
कौनसे क्रिप्टो सिक्योरिटीज़ हैं और कौनसे नहीं, इस बात का निर्धारण करने के लिए SEC हॉवे टेस्ट करता है। यह तरीका इस बात का सूचक होता है कि संबंधित एसेट या लेन-देन को कानूनन बाध्यकारी निवेश अनुबंध माना जा सकता है या नहीं, जिसके अनुसार उसे SEC नियम के तहत मंज़ूरी प्राप्त करनी होती है। हॉवे टेस्ट के आधार पर किसी निवेश अनुबंध पर इन हालातों में विचार किया जाता है:
- अगर उसमें पैसे का निवेश शामिल है।
- अगर निवेश से मुनाफ़ा हो सकता है।
- अगर पैसे के निवेश में किसी सार्वजानिक रूप से ट्रेड करने वाला कोई संगठन शामिल था।
- अगर तीसरी पार्टी वाले प्रमोटर और विक्रेता रिटर्न जैनरेट कर सकते हैं।
यह टेस्ट वित्तीय एसेट्स, और किसी नए क्रिप्टो कॉइन या टोकन की खोज करने के उद्देश्य से शुरू किए गए लेन-देन और आरंभिक कॉइन ऑफ़रिंग पर लागू होता है।
पंजीकृत बनाम अपंजीकृत सिक्योरिटीज़
वर्चुअल मुद्राओं और एक्सचेंजों पर SEC की कार्रवाई से क्रिप्टो मुद्राओं की सुरक्षा और अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ की परिभाषा को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।
व्यापर-योग्य सिक्योरिटीज़ का मूल्यांकन करने के लिए SEC हॉवे टेस्ट का इस्तेमाल करता है। यानी कि अगर कोई संस्था या एसेट इस टेस्ट को पास कर लेती है, तो उसे अनिवार्य पंजीकरण वाली राष्ट्रीय सिक्यूरिटी की योग्यता हासिल हो जाती है।
सिक्योरिटीज़ का पंजीकरण कर निवेशक घोटालेबाज़ों और गैरकानूनी व्यवसायों से बच सकते हैं। पंजीकरण के तहत धोखाधड़ी वाली योजनाओं से बचने के लिए वित्तीय खुलासे आवश्यक होते हैं।
SEC का कहना है कि विशेष छूट के अभाव में सभी सार्वजानिक सौदों और लेन-देन को फ़ेडरल संस्था के साथ पंजीकृत करवा लेना चाहिए। ऐसा न करने से राष्ट्रीय नियामक के लिए गैरकानूनी लेन-देन को ट्रेस करना या फिर मनी लॉन्डरिंग या संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए ऐसी कोई भी सिक्यूरिटी, जिसका या तो खुलासा नहीं किया गया था या फिर जिसे किसी एक्सचेंज द्वारा राष्ट्रीय सिक्यूरिटी एक्सचेंज या ब्रोकर पंजीकरण के बिना ही प्रबंधित किया जा रहा है, अपंजीकृत हो जाती है, और यह अमेरिकी सिक्योरिटीज़ और एक्सचेंज कानूनों का उल्लंघन है।
क्रिप्टो मुद्राओं पर SEC का रुख
क्रिप्टो एसेट्स और कॉइन्स पर हॉवे टेस्ट कर SEC इस निष्कर्ष पर पहुँचा है कि वे राष्ट्रीय सिक्योरिटीज़ हैं, जिन्हें फ़ेडरल एजेंसी के साथ पंजीकृत करवाना चाहिए।
इसलिए एक्सचेंज कंपनियों और क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्मों की जाँच कर अमेरिकी नियामक ने फ़ेडरल सिक्योरिटीज़ कानूनों से उनके अनुपालन को अनिवार्य बना दिया है। इसमें लेन-देन, लिस्टेड एसेट्स और सौदों में शामिल पार्टियों के विस्तृत दस्तावेज़ और प्रकटीकरण भी शामिल हैं।
क्रिप्टो समुदाय इस मूवमेंट का विरोध करते हैं क्योंकि यह केंद्रीकृत प्राधिकरण और नियंत्रण की कमी पर निर्भर करने वाली विकेंद्रीकृत मुद्राओं और ब्लॉकचेन के बुनियादी सिद्धांतों का खंडन करता है।
लेकिन SEC ने आगे बढ़कर विकेंद्रीकृत एक्सचेंजों पर नियम थोप ही दिए। क्योंकि ज़्यादातर क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म किसी राष्ट्रीय सिक्यूरिटी एक्सचेंजर या ब्रोकर के तौर पर पंजीकृत नहीं थे, मुकदमों की एक लड़ी-सी लग गई।
SEC बनाम Ripple
2020 में SEC ने XRP ब्लॉकचेन और टोकन डेवलपर Ripple पर मुकादम दायर कर दिया क्योंकि Ripple पर एक अपंजीकृत सिक्यूरिटी के तौर पर XRP क्रिप्टो मुद्रा के माध्यम से फ़ंड रेज़ कर इस गतिविधि से $100 करोड़ जुटाने का आरोप है।
दूसरी तरफ़, Ripple का कहना था कि XRP पंजीकृत सिक्यूरिटी की कसौटी पर खरा नहीं उतरता क्योंकि उसे संस्थागत निवेशकों को मुहैया नहीं कराया जाता। बल्कि XRP टोकनों को एक्सचेंजों और ऑनलाइन रिटेलरों के माध्यम से बेचा जाता है, जिसके चलते वे सिक्योरिटीज़ नहीं हैं और फ़ेडरल पंजीकरण के अधीन नहीं हैं।
Ripple पर दायर होने वाले मुकदमे की खबर ने बाज़ार को 2020 में, क्रिप्टो में आने वाली तेज़ी से ठीक पहले झकझोर कर रख दिया था, जब अन्य क्रिप्टो कॉइन्स और टोकनों के साथ BTC की कीमत ने $64,000 की रिकॉर्ड ऊँचाई छू ली थी। लेकिन XRP अच्छे दौर से नहीं गुज़र रहा था, खासकर उस समय, जब Coinbase जैसे बड़े-बड़े प्लेटफ़ॉर्मों ने अपनी ऑफ़रिंग से टोकन को हटाकर ब्लॉकचेन और मुद्रा के भविष्य के बारे में अधिक संदेह पैदा कर दिए।
2023 में न्यूयॉर्क अदालत ने ब्लॉकचेन डेवलपर को दोषी नहीं माना क्योंकि XRP को पब्लिक को, न कि निवेशकों को, एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्मों के माध्यम से बेचा गया था।
SEC बनाम FTX
FTX क्रिप्टो एक्सचेंज का पतन इतनी अहम घटना थी कि 2022 में ज़्यादातर क्रिप्टो के लिए वह सबसे बड़ी मंदी साबित हुई थी। इस कुख्यात गिरावट के लिए एक क्रिप्टो न्यूज़ पेज द्वारा एक्स्पोसज़ की गईं, मालिकों को धन को रखने वाली अस्पष्ट रणनीतियों और मैकेनिज़्म द्वारा समर्थित पैसे का कुप्रबंधन ज़िम्मेदार था
तब यह बात सामने आई थी कि उस ज़माने के तीसरे सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्म ने निवेशकों के पैसे को अपनी सिस्टर कंपनी के और FTX के मूल टोकनों में रखकर खाताधारकों में डर का माहौल बना दिया था।
Binance ने अपनी समूची FTT होल्डिंग्स बेचकर एक्सचेंज के मूल क्रिप्टो टोकन की कीमत में गिरावट लाकर बाज़ार में घबराहट का माहौल बना दिया, जिसके चलते ज़्यादा से ज़्यादा लोग अपना पैसा निकालकर अपने एकाउंट खाली करने लगे। नतीजतन एक्सचेंज को एक लिक्विडिटी संकट की घोषणा करने में महज दस ही दिन लगे।
FTX ने Binance समेत अन्य जॉइंट वेंचर्स से निकलने की कोशिश तो की, लेकिन इस केस की जटिलताओं के चलते कोई भी इस अव्यवस्थित सिस्टम को मैनेज नहीं कर पाया। आखिरकार क्रिप्टो एक्सचेंज क्रैश हो गया और तत्कालीन CEO, सैम बैंकमैन-फ़्राइड, पर सिक्योरिटीज़ की धोखाधड़ी और मनी लॉन्डरिंग समेत सात मामलों के तहत आरोप लगाये गए थे।
SEC बनाम Coinbase
2023 में SEC इस निष्कर्ष पर पहुँचा था कि सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज, Coinbase, ने Polygon, Solana, Cardano और अन्य टोकनों द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाली अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ बेचकर सिक्योरिटीज़ एक्ट का उल्लंघन किया था।
अमेरिकी नियामक का दावा है कि ये टोकन उन राष्ट्रीय सिक्योरिटीज़ से मिलते-जुलते हैं, जिनका पंजीकरण अनिवार्य है। लेकिन Coinbase ने कभी भी अपना पंजीकरण किसी सिक्यूरिटी एक्सचेंज या ब्रोकर के तौर पर नहीं करवाया, जिसके चलते किसी अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ एक्सचेंज द्वारा इन टोकनों की लिस्टिंग गैरकानूनी हो जाती है।
लेकिन एक्सचेंज का कहना है कि ये क्रिप्टो टोकन पंजीकृत सिक्योरिटीज़ के तौर पर क्वालीफ़ाई नहीं करते क्योंकि इन्हें संस्थागत निवेशकों को ऑफ़र नहीं किया जाता। इसके अलावा, Coinbase के अनुसार 2021 में जब उसने अपना आधिकारिक पंजीकरण करवाया था, तब उसे कोई पंजीकृत एक्सचेंज होने की आवश्यकता नहीं थी।
Coinbase SEC मुकदमा अभी भी चल रहा है। लेकिन जनवरी 2024 में Coinbase ने एक अपील दायर कर अपने बचाव में दिए तर्कों के आधार पर न्यूयॉर्क अदालत से केस खारिज करने की गुज़ारिश की थी।
SEC बनाम Binance
2023 में दुनिया के सबसे बड़े और नामी एक्सचेंजों में से एक, Binance, पर कई आरोपों के लिए मुकदमा ठोककर SEC को अपना नया शिकार मिल गया। इन आरोपों में ट्रेडिंग टूल्स को तोड़-मरोड़कर पेश करना और अपंजीकृत सिक्योरिटीज़ ऑफ़र करने के आरोप भी शामिल थे।
अमेरिकी नियामक ने Binance और उसके संस्थापक चैंगपेंग ज़ाओ पर अपंजीकृत एसेट्स की ट्रेडिंग, बिक्री और एक्सचेंज से $1,100 करोड़ अर्जित करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, SEC ने Binance के स्टेकिंग प्रोग्राम और अपनी मूल मुद्रा, BNB, में ऑफ़र किए जाने वाले ऋण-विकल्पों की वैधता को लेकर भी सवाल उठाए थे।
एक्सचेंज कंपनी द्वारा समझौते में $270 करोड़ अदा करने के बाद दोनों पार्टियों ने मामले को रफ़ा-दफ़ा कर दिया था, और एंटी-मनी लॉन्डरिंग उल्लंघनों के लिए दोषी पाए गए CEO ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
मज़ेदार फ़ैक्ट
चैंगपेंग ज़ाओ ने 2013 में पोकर खेलते-खेलते Bitcoin के बारे में जाना था। क्रिप्टो मुद्राओं में अपनी बढ़ती जिज्ञासा और खोज के चलते उन्होंने Binance नाम का भुगतान प्रदाता और क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया था।
Bitcoin Spot ETF
ट्रेडरों और अमेरिकी नियामकों के दरमियाँ Bitcoin ETF स्पॉट ट्रेडिंग चिंता का एक प्रमुख विषय रहा है। एक लंबे इंतज़ार के बाद, SEC ने Bitcoin स्पॉट ETF ट्रेडिंग को मान्यता दी है। इस फ़ैसले से बाज़ार के प्रत्याशित तेजड़िए रवैये को और भी हवा मिलने की उम्मीद है।
BlackRock और Fidelity Investment जैसी टॉप अमेरिकी निवेश कंपनियाँ ETF स्पॉट ट्रेडिंग में BTC को लिस्ट कराने की दौड़ में सबसे आगे थीं। उनकी यह उम्मीद अब आखिरकार हकीकत बन गई है।
क्रिप्टो समुदायों, निवेशकों और प्लेटफ़ॉर्मों को अपेक्षा है कि SEC के फ़ैसले से प्रेरित होकर ट्रेडर BTC में अपने लेन-देन और होल्डिंग्स में बढ़ोतरी ले आएँगे, जिसके चलते कॉइन की कीमत ऊँचे स्तरों पर पहुँचकर संभवतः 2021 के पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ देगी।
क्या Bitcoin कोई सिक्यूरिटी है?
“अपंजीकृत सिक्योरिटीज़” का राग अलापते-अलापते की गई अपनी कार्रवाई के बावजूद, Bitcoin को SEC किसी अपंजीकृत सिक्यूरिटी के तौर पर नहीं देखता, जिससे ये सवाल उठना लाज़मी है कि एक सिक्यूरिटी आखिर क्या होती है और क्या Bitcoin एक पंजीकृत सिक्यूरिटी है।
SEC के पूर्व अध्यक्ष ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि Bitcoin फ़िएट धन की करंसी रिप्लेसमेंट है। यानी कि वह अमेरिकी डॉलर, जापानी येन, ब्रिटिश पाउंड, इत्यादि की रिप्लेसमेंट है। इसलिए इसे एक सिक्यूरिटी माना जाता है।
दावे ये किए जा रहे हैं कि क्रिप्टो कॉइन्स और टोकनों के विपरीत, अपनी वैल्यू या नेटवर्क के विस्तार के लिए Bitcoin डेवलपर पब्लिक फ़ंडिंग पर निर्भर नहीं करते। इसलिए हॉवे टेस्ट कॉइन स्ट्रक्चर पर फ़िट नहीं बैठता।
निष्कर्ष
अमेरिकी सिक्यूरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन कॉइन्स और टोकनों जैसे अपंजीकृत एसेट्स में डील करने वाले क्रिप्टो एक्सचेंजों और प्लेटफ़ॉर्मों की सख्ती से जाँच कर रहा है।
निवेश प्रकार, मनी जैनरेशन मॉडल, और संबंधित पार्टियों पर हॉवे टेस्ट कर SEC क्रिप्टो एसेट सिक्योरिटीज़ की पहचान करता है ताकि इस बात का फ़ैसला किया जा सके कि सब्जेक्ट को सिक्यूरिटी माना जाए या नहीं। पंजीकरण का मतलब यह होता है कि लेन-देन और होल्डिंग्स का समय रहते, विस्तार से फ़ेडरल एजेंसियों के सामने खुलासा किया जाना चाहिए।
लेकिन इस एक्ट का विरोध किया जा रहा है क्योंकि क्रिप्टो निवेशकों के अनुसार केंद्रीकृत प्राधिकरण का नियंत्रण, क्रिप्टो मुद्राओं की ब्लॉकचेन और पियर-टू-पियर नेटवर्कों की विकेंद्रीकृत बुनियाद पर निर्भर करने वाली उसकी प्रकृति का उल्लंघन है।
आम सवाल-जवाब
अपंजीकृत सिक्यूरिटी क्या होती है?
SEC नियमों के तहत पंजीकृत न कराए गए किसी भी ट्रेड-योग्य एसेट को अपंजीकृत सिक्यूरिटी माना जाता है। पंजीकरण के लिए लेन-देन और क्रिप्टो निवेश की ब्यौरेवार जानकारी समेत विस्तृत वित्तीय दस्तावेज़ीकरण अनिवार्य होता है।
क्या SEC नियम क्रिप्टो पर भी लागू होते हैं?
कोई एसेट SEC के नियमों के तहत मंज़ूरी पाने लायक है या नहीं, इस बात का फ़ैसला करने के लिए SEC हॉवे टेस्ट का इस्तेमाल करता है। सब्जेक्ट के टेस्ट पास करते ही उसके लिए फ़ेडरल एजेंसी के साथ पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो जाता है।
SEC क्रिप्टो पर हमला क्यों बोल रहा है?
रिटेल निवेशकों को सुरक्षा की एक परत मुहैया कराने के लिए SEC क्रिप्टो और एक्सचेंजों पर नकेल कसकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि कई एक्सचेंजों और टोकनों के घोटालों के बाद गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लग जाए।
अगर क्रिप्टो को सिक्योरिटीज़ मान लिया गया, तो क्या होगा?
अगर क्रिप्टो मुद्राएँ सिक्योरिटीज़ बन गईं, तो अपने दस्तावेज़ीकरण और प्रकटीकरण में उन्हें पूरी पारदर्शिता बरतनी होगी, फिर भले ही वह कोई क्रिप्टो सौदा हो, ट्रांसफ़र हो, या किसी स्टेकिंग अभियान में कोई निवेश हो। लेकिन विकेंद्रीकृत और परिवर्तनशील प्रकृति वाले क्रिप्टो के लिए यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम जान पड़ता है।