Cryptocurrency wallet vs exchange

क्रिप्टो वॉलेट बनाम एक्सचेंज: अंतर

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पैसे का मालिक होना एक बात होती है, लेकिन उसका प्रबंधन करना आना एक और मगर उतना ही ज़रूरी पहलू होता है। क्रिप्टो एक्सचेंजों और वॉलेट्स को इस इंडस्ट्री में अपनी-अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले दो प्रमुख उपकरणों के तौर पर देखा जा सकता है। 

क्रिप्टोग्राफ़िक कुंजियों के माध्यम से क्रिप्टो वॉलेट उपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल मुद्रा को भेजने, प्राप्त करने, और रखने वाली एक वर्चुअल तिजोरी के तौर पर काम करता है। पैसे को वाकई में रखे बगैर वह यह सुनिश्चित करता है कि लोगों के पास अपनी संपत्ति पर नियंत्रण हो। इसके विपरीत, क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसे बाज़ार की तरह काम करता है, जहाँ उपयोगकर्ता क्रिप्टो एसेट्स की खरीदारी, बिक्री, और ट्रेडिंग कर सकते हैं। लेकिन यहाँ ग्राहकों को अपने पैसे को अक्सर एक्सचेंज को सौंपना पड़ता है।

वर्चुअल धन रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए क्रिप्टो वॉलेट और एक्सचेंज के बीच के इस अंतर को समझना ज़रूरी होता है। इन अंतरों, उनकी खूबियों, और इन दोनों ही टूल्स से संबंधित सुरक्षा जोखिमों की जाँच की नींव के बारे में इस लेख में हम चर्चा करेंगे। यह जानना अहम होता है कि अपनी क्रिप्टो मुद्राओं के सुरक्षित और सफल प्रबंधन की खातिर इन प्लेटफ़ॉर्मों का कब और कैसे उपयोग किया जाना चाहिए।

प्रमुख बिंदु

  1. सरकार द्वारा जारी की गई मुद्रा रखने वाले किसी फ़िएट वॉलेट के विपरीत, क्रिप्टो एसेट्स के लिए सुरक्षित स्टोरेज मुहैया कराकर क्रिप्टो वॉलेट उपयोगकर्ताओं को उन पर नियंत्रण प्रदान करते हैं।
  2. एक निजी क्रिप्टो वॉलेट ग्राहकों को किसी क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज से ज़्यादा स्वायत्तता प्रदान करता है। क्रिप्टो मुद्राओं की खरीदारी, बिक्री, और सौदेबाज़ी के लिए एक बाज़ार के तौर पर काम करने वाले क्रिप्टो एक्सचेंजों में उपयोगकर्ताओं को अपने पैसे को एक्सचेंज को सौंपना पड़ता है।
  3. क्रिप्टो मुद्रा को किसी एक्सचेंज से निकालकर किसी निजी वॉलेट में डाल देने से सुरक्षा बेहतर हो जाती है व आपके पैसे के हैकरों के हमलों के प्रति संवेदनशील प्लेटफ़ॉर्म पर छूट जाने का जोखिम कम हो जाता है।
  4. नॉन-कस्टोडियल वॉलेट्स और निजी कुंजियों वाले वॉलेट्स के साथ उपयोगकर्ताओं को अपने क्रिप्टो एसेट्स पर सम्पूर्ण नियंत्रण और जवाबदेही मिलती है, और यह बात प्रबंधन की सुरक्षित प्रक्रियाओं की अहमियत को दर्शाती है।

क्रिप्टो वॉलेट्स को परिभाषित करना

Definition of crypto wallet

एक क्रिप्टो वॉलेट क्रिप्टो मुद्रा को स्टोर करने, भेजने, और प्राप्त करने का प्लेटफ़ॉर्म होता है। असली पैसों वाले किसी भौतिक वॉलेट के विपरीत, किसी क्रिप्टो वॉलेट का इस्तेमाल निजी और सार्वजानिक डिजिटल कुंजियों को स्टोर कर उनका प्रबंधन करने के लिए किया जाता है, जो ब्लॉकचेन लेन-देन का एक्सेस प्राप्त कर उन्हें एक्सीक्यूट करने के लिए बेहद अहम होता है। क्योंकि इसकी वजह से उपयोगकर्ता अपने डिजिटल एसेट्स से इंटरैक्ट कर पाते हैं, वर्चुअल मुद्राओं का इस्तेमाल करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इस टूल की काफ़ी अहमियत होती है।

ये वॉलेट्स कितने प्रकार के होते हैं?

क्रिप्टो मुद्रा वॉलेट्स व्यापक हैं। उपयोगकर्ताओं की विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार इन वॉलेट्स के अनूठे सुरक्षा फ़ीचर और इस्तेमाल की स्थितियाँ होती हैं।

हार्डवेयर वॉलेट्स निजी कुंजियों को ऑफ़लाइन स्टोर कर ऑनलाइन हमलों से उनकी रक्षा करने के लिए बनाए गए वॉलेट्स होते हैं। उनका नाम सबसे सुरक्षित प्रकार के वॉलेट्स में शुमार है व लंबी अवधि के लिए डिजिटल एसेट्स को स्टोर करने के लिए वे एक उचित विकल्प होते हैं। Trezor और Ledger दो जाने-माने हार्डवेयर वॉलेट्स हैं।

Types of crypto wallets

नियमित लेन-देन के लिए सॉफ़्टवेयर वॉलेट्स सुविधाजनक होते हैं; उन्हें PC या मोबाइल डिवाइसों के माध्यम से भी एक्सेस किया जा सकता है। उनमें इंटरनेट ब्राउज़रों, PC में मौजूद डेस्कटॉप वॉलेट्स, और स्मार्टफ़ोन ऐप्स में मौजूद मोबाइल वॉलेट्स के साथ काम करने वाले वेब वॉलेट्स शामिल होते हैं। रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए सॉफ़्टवेयर वॉलेट्स एक सुविधाजनक और सुरक्षित मिश्रण तो होते हैं, लेकिन हार्डवेयर वॉलेट्स की तुलना में ऑनलाइन हमलों का खतरा भी उनमें अधिक होता है।

पेपर वॉलेट्स के तहत सार्वजानिक और निजी कुंजियों का भौतिक प्रिंटआउट किया जाता है। ऑफ़लाइन स्टोरेज की इस अहम तकनीक से ऑनलाइन हैकिंग का जोखिम काफ़ी कम हो जाता है। नुकसान से बचने के लिए अपनी भौतिक प्रकृति के चलते पेपर वॉलेट्स को सावधानीपूर्वक संभाला और स्टोर किया जाना चाहिए।

सुरक्षा और नियंत्रण 

किसी क्रिप्टो वॉलेट के निजी कुंजियों का प्रबंधन उसकी सुरक्षा का एक अहम हिस्सा होता है। किसी डिजिटल सिग्नेचर की ही तरह, निजी कुंजी भी ब्लॉकचेन पर रखे गए डिजिटल एसेट्स का एक्सेस मुहैया कराती है। अपने डिजिटल एसेट्स की रक्षा के लिए इस कुंजी की निजता को बरकरार रखना अहम होता है। वॉलेट्स सुरक्षा को बेहतर बनाने वाली अनेक तकनीकों का इस्तेमाल कर, जैसे कि बायोमेट्रिक सत्यापन और 2FA, अनचाहे एक्सेस के खिलाफ़ सुरक्षा की अतिरिक्त परतें तैयार कर सकते हैं।

डिजिटल एसेट्स के संदर्भ में किसी क्रिप्टो मुद्रा वॉलेट की स्वतंत्रता एक ज़रूरी फ़ीचर होता है। एक्सचेंजों द्वारा मुहैया कराए जाने वाले कस्टोडियल वॉलेट्स, जिनमें एक्सचेंज निजी कुंजियों को अपने पास ही रखता है, इस नियंत्रण के खिलाफ़ होते हैं। ऐसे मामलों में एक्सचेंज के सुरक्षा प्रोटोकॉलों और दिशानिर्देशों पर उपयोगकर्ताओं को भरोसा करना पड़ता है।

हॉट वॉलेट्स बनाम कोल्ड वॉलेट्स

hot wallets vs cold wallets

हॉट वॉलेट्स को कोल्ड वॉलेट्स से अलग बनाने वाला प्रमुख फ़ैक्टर इंटरनेट कनेक्टिविटी होती है। इंटरनेट से जुड़े हॉट वॉलेट्स तेज़तर्रार लेन-देन और सहज एक्सेस के लिए सुविधाजनक तो साबित होते हैं, लेकिन ऑनलाइन सुरक्षा उल्लंघनों के प्रति वे अधिक संवेदनशील भी होते हैं।

दूसरी तरफ़, ऑफ़लाइन होने के नाते पैसे को ऑनलाइन जोखिमों से दूर रखकर कोल्ड वॉलेट्स सुरक्षा के मामले में कहीं बेहतर होते हैं। इसी श्रेणी में आने वाले हार्डवेयर वॉलेट्स और पेपर वॉलेट्स एक लंबी अवधि के दौरान क्रिप्टो मुद्रा को सुरक्षित ढंग से स्टोर करने के लिए परफ़ेक्ट होते हैं।

सुरक्षा-संबंधी चिंताएँ और वॉलेट का चयन

सही प्रकार के वॉलेट के चयन के लिए वॉलेट को सुविधा और सुरक्षा की कसौटियों पर तोलना आवश्यक होता है। हालांकि हॉट वॉलेट्स रियल टाइम में ट्रेडिंग और खर्चा करने की सहूलियत मुहैया कराते हैं, उनकी ऑनलाइन उपस्थिति के लिए सुरक्षा प्रक्रियाओं पर आपको गौर कर लेना चाहिए। क्रिप्टो मुद्रा की भारी मात्राओं को सुरक्षित ढंग से रखने के लिए कोल्ड वॉलेट्स बेहतर विकल्प होते हैं क्योंकि हैकरों के खिलाफ़ वे मज़बूत सुरक्षा जो प्रदान करते हैं।

यानी कि क्रिप्टो मुद्रा वॉलेट्स का विविध नेटवर्क एसेट की सुरक्षित स्टोरेज से लेकर बार-बार की जाने वाली ट्रेडिंग जैसी कई माँगों को पूरा करता है। यह पूछे जाने पर कि क्या आपको किसी क्रिप्टो वॉलेट की ज़रूरत है, विभिन्न प्रकार के वॉलेट्स के फ़ंक्शनों, सुरक्षा फ़ीचरों, और कंट्रोल मैकेनिज़्मों के बारे में जानकारी रखकर सोचे-समझे फ़ैसले लेते हुए अपने डिजिटल एसेट्स के सुरक्षित और कार्यकुशल प्रबंधन को आप सुनिश्चित कर सकते हैं।

सबसे पहले Bitcoin वॉलेट, Bitcoin Core, को जनवरी 2009 में सार्वजानिक किया गया था, और सबसे पहले क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज, BitcoinMarket.com, ने 2010 में अपने सफ़र का आगाज़ किया था।

फ़र्राटेदार फ़ैक्ट

क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंजों की व्याख्या

Explanation of Cryptocurrency Exchanges

क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज उन ऑनलाइन स्टोर्स की तरह काम करते हैं, जहाँ उपयोगकर्ता क्रिप्टो मुद्राओं की खरीदारी, बिक्री, और सौदेबाज़ी कर सकते हैं। डिजिटल धन के अमेरिकी डॉलर जैसी फ़िएट मुद्राओं में परिवर्तन को आसान बनाकर ये प्लेटफ़ॉर्म क्रिप्टो मुद्रा उद्योग के लिए एक अहम भूमिका निभाते हैं। विकेंद्रीकृत एक्सचेंज और केंद्रीकृत एक्सचेंज दो प्रमुख प्रकार के एक्सचेंज होते हैं।

केंद्रीकृत एक्सचेंज थोड़ी-बहुत निर्भरता और ग्राहक सहायता मुहैया कराते हैं क्योंकि उन्हें लेन-देन को प्रबंधित कर उपयोगकर्ताओं के पैसे को रखने वाले विशिष्ट व्यवसायों द्वारा उन्हें चलाया जाता है। दूसरी तरफ़, उपयोगकर्ताओं के दरमियाँ पियर-टू-पियर ट्रेडिंग को विकेंद्रीकृत एक्सचेंजों द्वारा चलाया जाता है, जो किसी केंद्रीय प्राधिकरण के बगैर काम करते हुए डिजिटल एसेट्स के ऊपर नियंत्रण और निजता में सुधार ला सकते हैं।

क्रिप्टो एक्सचेंज आखिर कैसे काम करते हैं?

किसी क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज को चलाने में एकाउंट का सेट-अप करना अनेक अहम प्रक्रियाओं में पहला चरण होता है। नियामक मानदंडों का अनुपालन करने के लिए आमतौर पर उपयोगकर्ताओं को एक एकाउंट बनाकर KYC सत्यापन प्रक्रिया से गुज़रना होता है, जिसके तहत व्यक्तिगत जानकारी मुहैया करानी पड़ सकती है। 

एक्सचेंज एकाउंट के सत्यापन के पश्चात् उसकी फ़ंडिंग के लिए उपयगोकर्ताओं के पास अनेक विकल्प होते हैं, जैसे बैंक ट्रांसफ़र, डेबिट कार्ड, व क्रेडिट कार्ड।

खरीदारी और बिक्री के ऑर्डरों को मैच कर हर लेन-देन पर कोई शुल्क या कमीशन वसूलते हुए एक्सचेंज क्रिप्टो ट्रेडिंग की सहूलियत मुहैया कराते हैं। ट्रेडिंग के लिए विभिन्न क्रिप्टो मुद्राएँ मुहैया कराने के अलावा ये प्लेटफ़ॉर्म एन्क्रिप्शन, टू फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन, और कोल्ड स्टोरेज जैसे सुरक्षा-संबंधी फ़ीचर भी मुहैया कराते हैं। साथ ही, उपयोगकर्ताओं का अनुभव एक्सचेंज की गुणवत्ता द्वारा प्रभावित हो सकता है, जिससे ट्रेडिंग सुविधाजनक हो जाती है।

रिस्क फ़ैक्टर

खासकर उपयोगकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा को लेकर केंद्रीकृत एक्सचेंज की कुछ विशिष्ट समस्याएँ होती हैं, लेकिन वे यूज़र फ़्रेंडली होते हैं और थोड़ी अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं। क्योंकि केंद्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं की निजी कुंजियों को स्टोर करते हैं, हैकरों के लिए वे एक लुभावना शिकार होते हैं। सुरक्षा उल्लंघनों की वजह से इन एक्सचेंजों के उपयोगकर्ताओं को भारी वित्तीय नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं।

साथ ही, इन एक्सचेंजों की केंद्रीकृत प्रकृति के कारण अपनी निजी कुंजियों पर ग्राहकों का अधिकार थोड़ा-बहुत प्रतिबंधित हो जाता है; आमतौर पर इसके लिए एक कहावत का इस्तेमाल किया जाता है: “नो कुंजी, नो कॉइन्स”। क्योंकि डिजिटल एसेट्स के प्रबंधन और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी एक्सचेंज की होती है, आपको पुख्ता सुरक्षा फ़ीचर्स वाले भरोसेमंद प्लेटफ़ॉर्मों का ही चयन करना चाहिए।

इन आपत्तियों के बावजूद केंद्रीकृत एक्सचेंजों की यूज़र-फ़्रेंडली प्रकृति, ऑफ़रिंग्स की विविधतता, और लिक्विडिटी नौसिखिये व अनुभवी ट्रेडरों, दोनों ही के लिए उन्हें एक लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं। लेकिन उपयोगकर्ताओं को इन प्लेटफ़ॉर्मों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सुविधा को धोखाधड़ी और साइबर-अपराध जैसे उसके संभावित जोखिमों के साथ संतुलित कर लेना चाहिए। 

क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंजों के साथ इंटरैक्ट करते समय हमें विभिन्न पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार कर लेना चाहिए, जैसे कि उपलब्ध क्रिप्टो मुद्राएँ, सुरक्षा फ़ीचर्स, लेन-देन की लागत, और विभिन्न स्थानों से एक्सचेंज की एक्सेसेबिलिटी।

centralised vs decentralised exchanges

एक एक्सचेंज वॉलेट क्या होता है, इसे समझना ही पहला चरण होता है। भले ही वे विकेंद्रीकृत हों या केंद्रीकृत, इंडस्ट्री में उनके द्वारा मुहैया कराई जाने वाली अहम सेवाओं की बदौलत ग्राहक डिजिटल एसेट्स में कारगर ढंग से ट्रेडिंग कर पाते हैं। 

किसी DEX और CEX के दरमियाँ चयन करने के लिए हमें डिजिटल एसेट्स पर नियंत्रण, सुरक्षा, और उपयोग की आसानी जैसे फ़ैक्टरों पर विचार कर लेना चाहिए। किसी एक्सचेंज का चयन करते समय उपयोगकर्ताओं को गहन शोध कर अपनी अनूठी ज़रूरतों पर विचार करते हुए जोखिम के प्रति अपनी सहनशीलता का मूल्यांकन कर लेना चाहिए।

एक क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज किसी क्रिप्टो मुद्रा वॉलेट से किस प्रकार भिन्न होता है?

एक क्रिप्टो वॉलेट और एक्सचेंज के बीच के अहम अंतरों को समझना बेहद ज़रूरी होता है। आपकी क्रिप्टो आपके एक्सचेंज में है या आपके अपने वॉलेट में, यह बात आपके डिजिटल एसेट्स की सुरक्षा और नियंत्रण पर भारी प्रभाव डाल सकती है। उदाहरण के लिए, क्रिप्टो मुद्रा को स्टोर करते समय हार्डवेयर वॉलेट सुरक्षित वॉलेट पता और किसी एक्सचेंज में होल्डिंग्स को स्टोर करने की तुलना में अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। इन दोनों के बीच के कुछ अंतरों को हम निम्न सेक्शन में कवर करेंगे। 

फ़ंक्शनैलिटी का फ़र्क

क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंजों और वॉलेट्स का सबसे अहम अंतर उनके फ़ीचर्स में होता है। इन वॉलेट्स का प्रमुख उद्देश्य पैसे को सुरक्षित ढंग से स्टोर करना होता है। ब्लॉकचेन पर डिजिटल एसेट्स के एक्सेस और उपयोग के लिए आवश्यक क्रिप्टोग्राफ़िक कुंजियों का वे हिसाब रखते हैं। दूसरी तरफ़, क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज क्रिप्टो मुद्राओं की खरीदारी, बिक्री, और ट्रेडिंग को आसान बनाने वाले बाज़ारों के तौर पर काम करते हैं। खरीदारों और विक्रेताओं के बीच कनेक्शन स्थापित कर एक्सचेंज फ़िएट धन को डिजिटल धन में और डिजिटल धन को फ़िएट धन में परिवर्तित करने के साथ-साथ एक डिजिटल मुद्रा को किसी और डिजिटल मुद्रा के बदले ट्रेड करने की सहूलियत भी प्रदान करते हैं।

सुरक्षा-संबंधी पहलू

वॉलेट और एक्सचेंज के आर्किटेक्चरों के सुरक्षा-संबंधी पहलू काफ़ी महत्त्वपूर्ण होते हैं। वॉलेट्स की बदौलत उपयोगकर्ताओं को अपनी निजी कुंजियों पर संपूर्ण नियंत्रण प्राप्त होता है, जो अपनी क्रिप्टो मुद्रा होल्डिंग्स, खासकर नॉन-कस्टोडियल वॉलेट्स, को एक्सेस करने के लिए आवश्यक होती हैं। इस नियंत्रण की वजह से उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों का — जैसे कि अपनी निजी कुंजियों को वे कितने सुरक्षित ढंग से स्टोर करते हैं — एसेट्स की सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, निजी कुंजियों को ऑफ़लाइन स्टोर कर हार्डवेयर वॉलेट्स ऑनलाइन हैकिंग के प्रयासों से उनकी रक्षा करते हैं।

दूसरी तरफ़, केंद्रीकृत एक्सचेंजों की सुरक्षा में भी खामियाँ हो सकती हैं क्योंकि उपयोगकर्ताओं की निजी कुंजियों को वे खुद स्टोर कर उन्हें संभालते हैं। अनेक उपयोगकर्ताओं के कीमती सामान की अपनी केंद्रीकृत स्टोरेज के चलते एक्सचेंज हैकरों को लुभा सकते हैं। 

क्रिप्टो के समूचे इतिहास में पैसे का भारी नुकसान करने वाले एक्सचेंजों के जाने-माने हैक हुए हैं। नतीजतन, किसी व्यक्तिगत वॉलेट के इस्तेमाल की तुलना में किसी एक्सचेंज के उपयोग में सुरक्षा उल्लंघनों का जोखिम ज़्यादा होता है, फिर भले ही ट्रेडिंग के लिए वे कितने भी सुविधाजनक क्यों न हों।

एसेट्स पर नियंत्रण

वॉलेट्स की एक्सचेंजों से तुलना करते वक्त उपयोगकर्ताओं के अपने पैसे पर अधिकार में भारी अंतर होता है। किसी क्रिप्टो वॉलेट का इस्तेमाल करते समय लोगों के पास अपने डिजिटल एसेट्स पर पूरा नियंत्रण होता है, खासकर बात जब किसी नॉन-कस्टोडियल वॉलेट की हो। 

क्रिप्टो मुद्रा भेजने, प्राप्त करने, या स्टोर करने के लिए उन्हें किसी तीसरी पार्टी की मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं होती। अपनी स्वायत्तता के चलते उपयोगकर्ता अपने एसेट्स को अपने हिसाब से संभाल सकते हैं व अपने एकाउंट्स का एक्सेस गँवा बैठने या फिर किसी एक्सचेंज के हाथों अपने पैसे के फ्रीज़ कर दिए जाने की उन्हें परवाह नहीं करनी पड़ती।

दूसरी तरफ़, किसी केंद्रीकृत एक्सचेंज का इस्तेमाल करने पर उपयोगकर्ता दरअसल अपने पैसे को एक्सचेंज को सौंप देते हैं। ऐसे एसेट्स पर एक्सचेंज का अधिकार होता है क्योंकि हर उपयोगकर्ता के प्लेटफ़ॉर्म वॉलेट की निजी कुंजियाँ उसी के पास जो होती हैं। 

इस व्यवस्था की वजह से इस बात की संभावना होती है कि एक्सचेंज के संचालन में कोई समस्या आने, उसकी सुरक्षा में सेंध लगने, या फिर उसके किसी कानूनी परेशानी में पड़ जाने से उपयोगकर्ता अपने पैसे को एक्सेस नहीं कर पाएँगे। एक्सचेंज के पास लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार भी होता है, जैसे कि विड्रॉअल कैप्स।

इनका इस्तेमाल कब करें: क्रिप्टो वॉलेट बनाम एक्सचेंज

When to use wallets and exchanges

अपने लक्ष्यों और गतिविधियों के अनुसार उपयोगकर्ताओं को किसी क्रिप्टो एक्सचेंज और वॉलेट के बीच चयन करना होता है। अपने बेहतर सुरक्षा फ़ीचर्स की बदौलत डिजिटल मुद्रा की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए किसी हार्डवेयर वॉलेट या सॉफ़्टवेयर वॉलेट के इस्तेमाल का सुझाव दिया जाता है। 

अपनी निजी कुंजी पर नियंत्रण प्राप्त कर ये वॉलेट उपयोगकर्ताओं को अपनी होल्डिंग्स की सुरक्षा सुनिश्चित कर विकेंद्रीकृत एक्सचेंजों के आम जोखिमों से उन्हें सुरक्षित रखने की सहूलियत प्रदान करते हैं। लेकिन अक्सर क्रिप्टो मुद्राओं की खरीद-फ़रोख्त या उनमें ट्रेडिंग करने वाले ग्राहकों के लिए क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज का इस्तेमाल एक बेहतर विकल्प होता है। 

क्रिप्टो लेन-देन को फ़टाफ़ट पूरा करने के लिए आवश्यक इंफ़्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के अलावा एक्सचेंज विभिन्न प्रकार की डिजिटल मुद्राओं की पेशकश भी करते हैं।

क्रिप्टो को एक्सचेंज से बाहर कैसे निकालें?

अपने डिजिटल एसेट्स की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए अपनी क्रिप्टो मुद्रा को आपको किसी एक्सचेंज से किसी वॉलेट में शिफ़्ट करना पड़ता है। चलिए इसकी विस्तृत गाइड पर एक नज़र डालते हैं:

  1. यह सुनिश्चित कर लें कि अपने क्रिप्टो वॉलेट को आपने सेट-अप कर लिया है व वॉलेट पते से आप वाकिफ़ हैं। इसकी एक खास पहचान होती है, जिसकी मदद से आप क्रिप्टो एसेट्स प्राप्त कर पाते हैं।
  2. उस क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंज एकाउंट में जाएँ, जहाँ आपने अपने कॉइन्स डाले हैं।
  3. विड्रॉअल लिंक पर क्लिक कर उस कॉइन का चयन कर लें, जिसे आप भेजना चाहते हैं।
  4. निर्दिष्ट फ़ील्ड में जाकर वॉलेट का पता दर्ज कर दें। क्योंकि गलत पतों पर किए गए लेन-देन को बदला नहीं जा सकता, कृपया इस पते की दोबारा जाँच कर यह सुनिश्चित कर लें कि वह सही है।
  5. लेन-देन का सत्यापन कर लें। ट्रांसफ़र अवधि एक्सचेंज और नेटवर्क ट्रैफ़िक पर निर्भर कर सकती है।

केंद्रीकृत एक्सचेंजों के जोखिमों से अपनी डिजिटल मुद्रा की रक्षा की चाहत रखने वाले हर व्यक्ति को इस प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। अपनी क्रिप्टो मुद्रा होल्डिंग्स को किसी व्यक्तिगत वॉलेट में ट्रांसफ़र कर एक्सचेंजों पर अनचाहे एक्सेस और सुरक्षा के संभावित उल्लंघनों से अपने निवेशों की रक्षा के लिए उपयोगकर्ता आवश्यक सावधानी बरत सकते हैं। अधिकतम सुरक्षा के लिए किसी हार्डवेयर वॉलेट का या फिर इस्तेमाल की आसानी के लिए यह किसी मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

अंतिम विचार

कुशल प्रबंधन के लिए वॉलेट्स और एक्सचेंजों के बीच के फ़र्क समझना अहम होता है। क्रिप्टो को स्टोर करने का एक सुरक्षित तरीका मुहैया कराते हुए क्रिप्टो वॉलेट्स ग्राहकों को अपने एसेट्स और निजी कुंजियों पर अधिकार प्रदान करते हैं। 

दूसरी तरफ़, क्रिप्टो एक्सचेंज क्रिप्टो एसेट्स की खरीदारी, बिक्री, और ट्रेडिंग के लिए एक बाज़ार तो मुहैया कराते हैं, लेकिन इस शर्त पर कि ग्राहक अपना पैसा उन्हें सौंप देंगे। दीर्घकालिक स्टोरेज या सक्रिय ट्रेडिंग जैसे कार्यों के आधार पर आपको यह जानने कि सहूलियत प्रदान कर कि आपको कब सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और कब एसेट प्रबंधन को, वह इन दोनों पहलुओं में सुधार ले आता है। 

इस जानकारी से लैस उपभोक्ता अपनी डिजिटल मुद्राओं को सुरक्षित और कारगर ढंग से प्रबंधित करते हुए सोचे-समझे फ़ैसले ले सकते हैं।

आम सवाल-जवाब

क्या अपनी क्रिप्टो को किसी एक्सचेंज में रखना एक अच्छा खयाल होता है?

आमतौर पर अपने फ़ंड्स की अच्छी-खासी मात्रा को कस्टोडियल वॉलेट में सेव करने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे सुरक्षा-संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं, फिर भले ही किसी विश्वसनीय एक्सचेंज का चयन कर वे थोड़े कम क्यों न हो जाएँ।

कोई एक्सचेंज पता वॉलेट पते से कैसे भिन्न होता है?

सबसे पहला फ़र्क तो यही होता है कि आमतौर पर एक्सचेंज साइटें किसी एक्सचेंज पते से जुड़ी होती हैं। इन पतों का इस्तेमाल कर एक्सचेंज में आप पैसा डाल या उसे वहाँ से निकाल सकते हैं। इसके विपरीत, किसी नियमित वॉलेट पते का आमतौर पर निजी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है व उसे किसी व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

क्या किसी एक्सचेंज को वॉलेट माना जा सकता है?

वॉलेट्स और एक्सचेंज क्रिप्टो एसेट्स को स्टोर करने के दो प्रमुख तरीके होते हैं। क्रिप्टो एक्सचेंजों की बदौलत आप वर्चुअल मुद्राओं की खरीदारी, बिक्री, और सौदेबाज़ी कर सकते हैं, लेकिन वॉलेट उस निजी बैंक की तरह होते हैं, जहाँ अपने एसेट्स को आप सुरक्षित ढंग से रख सकते हैं।

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द्वारा लिखित

Otar Topuriaलेखक
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द्वारा समीक्षित

Tamta Suladzeप्रमुख लेखक

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